प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (16 फरवरी, 2022) को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पर जमकर जुबानी हमला बोला। पंजाब के पठानकोट में एक चुनावी जनसभा के दौरान दोनों ही दलों को विभिन्न मुद्दों को लेकर घेरा। कहा कि विकास आया, जबकि वंशवाद का सफाया हुआ।

मोदी के मुताबिक, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पैर जम जाते हैं, वहां पर रिमोट से सरकार चलाने वाले परिवार की छुट्टी हो जाती है। बकौल पीएम, “कांग्रेस ने तीन सुनहरे अवसर गंवाए। अगर 1965 की लड़ाई में वे थोड़ा सा आगे जाते, तो गुरुनानक जी की तपोभूमि हमारे पास होती।” उन्होंने वादा किया- वाहे गुरु जी की फतेह के उद्घोष को लेकर हम ये फतेह रैली कर रहे हैं। अपने संतों, अपने गुरुओं की वाणी पर चलकर ही हम 21वीं सदी का नवां (नया) पंजाब बनाएंगे।

पीएम ने इस दौरान शहर और वहां के लोगों से जुड़े अपनत्व का किस्सा भी सुनाया। बताया- पठानकोट में अभी मैंने कई परिवारों को अभिनंदन किया। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कई बार मैं यहां टू-व्हीलर से आता था, कभी ट्रेन से आता था। कभी जम्मू से दिल्ली आता था, तो पठानकोट के कई परिवार मेरे लिए खाना लेकर आते थे। ऐसा महत्वपूर्ण समय मैंने आप लोगों के बीच बिताया है। आज मैं आपसे मांगने आया हूं, मुझे पांच साल आपकी सेवा करने का मौका दीजिए, मैं आपको भरोसा देता हूं किसानी, व्यापार, इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस ने पंजाब और देश की शान के खिलाफ क्या-क्या कृत्य नहीं किए। इसी पठानकोट पर जब पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया था तब देश उस संवेदनशील मौके पर एकजुट था। लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता क्या कर रहे थे? इन्होंने सेना के शौर्य पर सवाल उठाए या नहीं उठाए? इन्होंने शहीदों की शहादत पर कीचड़ उछाला या नहीं उछाला? और पुलवामा हमले की बरसी पर भी कांग्रेस के लोग बाज नहीं आ रहे हैं। वो हमारी सेना की बहादुरी का फिर से सबूत मांग रहे हैं।

आगे वह बोले- साल 1965 की लड़ाई में भारत की सेना लाहौल में झंडा फहराने की ताकत के साथ आगे बढ़ रही थी। अगर तब थोड़ा दो कदम आगे जाते तो गुरुनानक देव जी की तपोभूमि हमारे पास होती। दूसरा मौका भी वो चूक गए। बांग्लादेश की लड़ाई में 90,000 पाकिस्तान के सैनिकों ने हिंदुस्तान की सेना के सामने घुटने टेक दिए। तब दिल्ली में बैठी सरकार में दम होता तो कह देते कि ये सैनिक तुम्हें तब मिलेंगे, जब हमें गुरुनानक देव जी की तपोभूमि वापस मिलेगी। तीन-तीन मौके उन्होंने गंवाए।