पुणे पोर्शे दुर्घटना में दो युवकों की मौत का मुद्दा पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया था। इस बीच नाबालिग आरोपी ने बड़ा दावा किया है। आरोपी के अनुसार हादसे के वक्त फैमिली ड्राइवर कार चला रहा था। अगर यह बात साबित होती है तो नाबालिक आरोपी को रिहा कर दिया जाएगा और ड्राइवर के खिलाफ मामला चलेगा। नाबालिक आरोपी रियल स्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है।

पुलिस फैमिली ड्राइवर से भी पूछताछ कर रही है। उसने अपने बयान में कहा है कि दुर्घटना के वक्त वह कार चला रहा था। वहीं आरोपी के पिता ने भी कहा है कि वह उनका फैमिली ड्राइवर है।

पुलिस ने नाबालिग के पिता की हिरासत की मांग की है। पुलिस ने कोर्ट में यह भी बताया कि चूंकि नाबालिग आरोपी कार चलाना चाहता था, इसलिए ड्राइवर ने अपने नाबालिग के पिता को फोन किया और उन्हें अपने बेटे की डिमांड के बारे में बताया। इसके बाद उसके पिता ने ड्राइवर से कहा कि वह अपने बेटे को कार चलाने दे।

पुलिस के अनुसार अब ड्राइवर को मामले में गवाह के तौर पर अदालत में पेश किया जा सकता है। इसके अलावा पुलिस उस पूरे रास्ते के सीसीटीवी फुटेज जुटा रही है, जहां-जहां से कार गुजरी। बता दें कि पुलिस घर से लेकर रेस्तरां, ब्लैक क्लब और वहां से दुर्घटना स्थल तक यह देखने के लिए कि सीसीटीवी चेक कर रही है कि कार कौन चला रहा था।

पुणे के कल्याणी नगर इलाके में काम करने वाले इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्वनी कोष्टा की रविवार को सुबह करीब 2.30 बजे एक तेज रफ्तार पोर्शे कार से टक्कर हो गई थी, जिसे कथित तौर पर 17 वर्षीय एक युवक चला रहा था।

पुणे शहर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने घटना के बाद कहा था कि इस मामले में आरोपी नाबालिग है और उस पर आईपीसी की धारा 304 के प्रावधानों के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी और मोटर वाहन अधिनियम की अन्य धाराएं भी शामिल की हैं।