महाराष्ट्र के पुणे के कल्याणी नगर इलाके में  तेज रफ्तार पोर्श कार की टक्कर के बाद दो आईटी  प्रोफेशनल्स की मौत का मामला लगातार बढ़ रहा है।

जानकारी यह सामने आई है कि कार का  रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया गया था कार एक कथित बिल्डर नाबालिग का बेटा चला रहा था, बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके बेटे को दी गई निबंध लिखने की सजा काफी चर्चा में है। महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने जानकारी दी है कि 1,758 रुपये की फीस का भुगतान न करने की वजह से कार का रजिस्ट्रेशन मार्च से पेंडिंग पड़ा हुआ था।

एक्सीडेंट से ठीक पहले शराब पीते हुए उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। जानकारी यह भी है कि उसने 90 मिनट में 48 हजार रुपए अपने दोस्तों के साथ सिर्फ शराब पर उड़ाए थे।

क्या जानकारी सामने आई है?

पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि नाबालिग के पिता पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत मामला दर्ज किया है। जब मामला दर्ज हुआ तो वह भागने की फिराक में था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और कोर्ट के सामने भी पेश कर दिया है।

इस ही मामले में पुलिस ने चार और लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें कोसी रेस्तरां के मालिक नमन भुटाडा और मैनेजर सचिन काटकर संदीप सांगले (34) और जयेश बोनकर को भी इस मामले में गिरफ्तार किया है।

सिर्फ निबंध लिखने की सज़ा क्यों?

किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग को जो सज़ा दी है उसपर काफी सवाल उठ रहे हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी एसएम फड़णवीस ने कहा कि जेजे बोर्ड द्वारा पारित आदेश चौंकाने वाला और आश्चर्यजनक है क्योंकि इस आदेश ने इस तरह के जघन्य अपराध पर बहुत नरम रुख अपनाया है। पुणे पुलिस ने बोर्ड से याचिका दायर की थी कि उन्हें किशोर के साथ वयस्क के तौर पर व्यवहार करने की अनुमति दी जाए क्योंकि उसकी उम्र 17 वर्ष है और आठ महीने है। लेकिन बोर्ड ने आवेदन को देखा और उस लड़के को जमानत दे दी।