कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज खुद को “आंदोलनजीवी” बताया। चिदंबरम ने कहा कि इसे तारीफ के तौर पर लेना चाहिए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध के संदर्भ में ”आंदोलनजीवी” शब्द का इस्तेमाल किया था। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज ट्वीट किया,”Crony-जीवी है जो देश बेच रहा है वो।” इसके साथ उन्होंने #PSU_PSB_Sale हैशटैग इस्तेमाल किया।

बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि देश को आंदोलनजीवियों से सावधान रहना चाहिए। पीएम ने राज्यसभा को बताया, “‘कुछ लोग विरोध प्रदर्शन के लिए जीते हैं। वे एक नया आंदोलन शुरू करने के तरीकों की तलाश करते रहते हैं … देश को इनसे जागरूक होने की जरूरत है।”

आज #iamanandolanjeevi हैशटैग इस्तेमाल करते हुए पी चिदंबरम ने लिखा, “मैं एक अभिमानी आंदोलनजीवी हूं। महात्मा गांधी भी आंदोलनजीवी थे।” हालांकि प्रधानमंत्री के द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द का कई लोगों ने स्वागत किया है। त्रिपुरा और मेघालय के पूर्व राज्यपाल, तथागत रॉय ने सोमवार को ट्वीट कर इसे “शानदार” शब्द कहा। भाजपा के बेंगलुरु से सांसद, पीसी मोहन ने इसे “वर्ड ऑफ द इयर” कहा।


वहीं, केसी सिंह ने कहा पीएम मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने मूल संगठन RSS को #Andolanjeevi नहीं माना है। यही विपक्ष ने आरोप लगाया है। आपातकाल के दौरान भाजपा के मुख्य नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन पीएम ने दाढ़ी बढ़ाई, पगड़ी बांधी और छिपे रहे।

कई राजनेताओं, लेखकों और ट्विटर यूजर्स ने आंदोलनजीवी शब्द को सम्मान के तौर पर लिया है। कवयित्री मीना कंदासामी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल का नाम बदलकर “आंदोलनजीवी डॉ मीना कंदासामी” कर दिया।

कांग्रेस के सोशल मीडिया संयोजक गौरव पांधी ने अपना नाम बदलकर “गौरव पांधी – आंदोलनजीवी” कर लिया। इस बात पर सोशल मीडिया पर कई सारे मीम्स और चुटकुले बनाए जा रहे हैं।