प्रियंका गांधी वाड्रा की कांग्रेस महासचिव पद पर नियुक्ति के बाद उनके लिए लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में जगह खोजने की कवायद शुरू हो गई है। रायबरेली और अमेठी में चुनाव प्रचार के बावजूद, प्रियंका यूपी कांग्रेस कमिटी के दफ्तर नहीं गई थीं। हालांकि अब पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाए जाने के बाद उन्हें आने वाले दिनों में प्रदेश मुख्यालय जाना ही होगा। कांग्रेस के अनुसार, प्रियंका फरवरी के पहले हफ्ते में कार्यभार संभालेंगी। ऐलान होते ही कांग्रेसी उनके लिए दफ्तर में ही जगह तलाशने में जुट गए हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रियंका गांधी उसी कमरे में बैठा करेंगी जहां कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बैठकें किया करती थीं। प्रदेश कार्यालय में ही गुप्त सीढ़ियां भी बनाई गई हैं जो सीधे इस कमरे की ओर जाती हैं। फिलहाल इस कमरे का इस्तेमाल यूपीसीसी प्रमुख राज बब्बर कर रहे हैं। वहीं पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि उन्हें राहुल गांधी के बराबर वाला कमरा दिया जा सकता है। राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें यूपी कांग्रेस मुख्यालय में अध्यक्ष का कमरा दिया गया था।
चूंकि प्रियंका को एसपीजी सुरक्षा प्राप्त है, ऐसे में उनके कार्यालय को लेकर कोई भी फैसला सुरक्षा बंदोबस्त जांचने के बाद ही होगा। दूसरी तरफ, महासचिव बनाए गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मुख्य इमारत में दफ्तर आवंटित किए जाने की चर्चा है। सिंधिया के पास पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी है। इसमें एनसीआर का हिस्सा आता है, ऐसे में सिंधिया से मिलने वालों की संख्या अच्छी-खासी रहेगी। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पदाधिकारियों के बीच दफ्तर आवंटन में बड़ा फेरबदल होगा।

कांग्रेस के कई कार्यकर्ता प्रियंका में इंदिरा गांधी की झलक देख रहे हैं। हालांकि एक इंटरव्यू में प्रियंका ने कहा था कि उनके भाई राहुल का व्यक्तित्व, दादी से बेहद मिलता-जुलता है। प्रियंका ने कहा था कि वह खुद में पिता (राजीव गांधी) का अक्स देखती हैं। प्रियंका लंबे समय से कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करती रहीं हैं, मगर अब जाकर उन्होंने सक्रिय राजनीति में उतरने का फैसला किया है।