बिहार के सिवान जिले के छोटे से गांव अरजानीपुर की गृहिणी मिंता देवी अचानक राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गईं। वजह – मतदाता सूची में उनकी उम्र 124 साल दर्ज होना और फिर कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा उनके चेहरे वाली टी-शर्ट पहनकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करना। हालांकि असलियत में मिंता देवी की उम्र 35 साल है, लेकिन यह “असाधारण” गलती चुनावी राजनीति में बड़ा मुद्दा बन गई। खुद मिंता देवी इस राजनीतिक ड्रामे से नाराज हैं और कहती हैं—“मेरा चेहरा टी-शर्ट पर छापकर राजनीति मत करो, बस मेरा वोटर कार्ड ठीक कर दो।”
कैसे बना 35 की उम्र में ‘124 साल’ का रिकॉर्ड
सिवान जिले के दरौंधा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता पंजीकरण में हाल ही में मिंता देवी का नाम शामिल हुआ। आधार कार्ड के मुताबिक उनकी जन्मतिथि 15 जुलाई 1990 है, लेकिन नए जारी वोटर आईडी कार्ड में उम्र 124 साल दर्ज कर दी गई। मिंता देवी बताती हैं—“मुझे वोटर आईडी एक-दो महीने पहले मिला, लेकिन मैंने ध्यान से नहीं देखा था। कुछ दिन पहले जब मामला चर्चा में आया, तब कार्ड देखा और हैरान रह गई।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने पंजीकरण बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के जरिए कराने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हुईं। बाद में साइबर कैफे से ऑनलाइन आवेदन किया और आधार कार्ड के आधार पर सही जानकारी दी। उनका कहना है कि “गलती टाइपिंग के समय या बाद में हुई होगी।”
प्रशासन ने मानी गलती, सुधार की प्रक्रिया शुरू
जिला प्रशासन ने इस मामले को क्लेरिकल मिस्टेक बताते हुए सुधार का भरोसा दिया है। दरौंधा के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) ने जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि आधार कार्ड जांच में मिंता देवी की सही जन्मतिथि 15 जुलाई 1990 पाई गई। सीवान जिला जनसंपर्क कार्यालय के मुताबिक, 1 अगस्त 2025 को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित होने के बाद BLO ने गलती पकड़ी और मिंता देवी से संपर्क किया। 10 अगस्त को उन्होंने फॉर्म-8 जमा किया और अब नियमों के अनुसार उम्र में सुधार किया जाएगा।
प्रियंका गांधी का प्रदर्शन और मिंता देवी की नाराजगी
मिंता देवी का मामला तब और गरमाया, जब कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और उनकी टीम ने “वोटर चोरी” के विरोध में उनके चेहरे वाली टी-शर्ट पहन ली। संसद परिसर में यह प्रदर्शन मीडिया की सुर्खियां बना, लेकिन मिंता देवी के लिए यह ‘अवांछित चर्चा’ थी। उन्होंने कहा—“प्रियंका गांधी कौन होती हैं मेरा चेहरा टी-शर्ट पर छापने वाली? मैं सुबह से परेशान हूं—लगातार फोन आ रहे हैं, पत्रकार घर पर पहुंच रहे हैं। मुझे राजनीति में घसीटना गलत है।”
विपक्ष का हमला, सत्ता पर तंज
विपक्षी ‘इंडी गठबंधन’ ने इस गलती को चुनाव प्रक्रिया की गंभीर खामी बताया और इसे चुनाव आयोग की लापरवाही का सबूत करार दिया। संसद परिसर में कई सांसदों ने “मिंता देवी 124 नॉट आउट” लिखी टी-शर्ट पहनकर विरोध जताया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पर व्यंग्य किया- “हम गर्व से मिंता देवी को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए नामांकित करते हैं – भारत की सबसे कम उम्र की दिखने वाली सबसे बुजुर्ग महिला -@ECISVEEP के चमत्कार की बदौलत। वाह मोदीजी, वाह।”
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने लिखा – “चुनाव आयोग ने सबसे बुजुर्ग जीवित महिला की खोज की है, जिनकी उम्र बिहार SIR में 124 वर्ष दर्ज है! इस तरह की मतदाता धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जा सकती, और इंडी गठबंधन इसका विरोध करता रहेगा।”
मिंता देवी और उनके पति धनंजय कुमार सिंह का कहना है कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान कोई भी अधिकारी उनके घर नहीं आया। उनका आरोप है कि BLO गांव में एक जगह बैठकर जानकारी इकट्ठा करते हैं, जिससे ऐसी गलतियां हो जाती हैं। धनंजय ने कहा, “हमें राजनीति में घसीटने से बेहतर है कि समय पर हमारे दस्तावेज सही कर दिए जाएं।”
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124 साल वाली गलती ने यह साफ कर दिया है कि मतदाता सूची में तकनीकी या मानवीय त्रुटियां किस तरह राजनीतिक हथियार बन सकती हैं। विपक्ष इसे चुनावी धांधली के सबूत के तौर पर पेश कर रहा है, जबकि प्रशासन इसे महज ‘टाइपिंग मिस्टेक’ बताकर ठीक करने का भरोसा दे रहा है। बीच में फंसी मिंता देवी बस चाहती हैं कि उनका नाम और उम्र सही हो जाए, ताकि अगली बार कोई उनकी तस्वीर का इस्तेमाल ‘वोटर चोरी’ के प्रदर्शन में न करे।
119 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का ‘सत्यापन’
अधिकारियों ने बताया कि SIR के ड्राफ्ट रोल में दो और मामलों की पुष्टि हुई है, जहां मतदाताओं की उम्र 119 वर्ष से अधिक दर्ज है। भागलपुर ज़िले के पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन ने आधार कार्ड से क्रॉस-चेकिंग के बाद आशा देवी की उम्र 120 वर्ष होने की पुष्टि की। संबंधित बीएलओ द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया, “आशा देवी जीवित हैं और श्रीमतपुर गांव में रहती हैं। उनके आधार कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी 1905 दर्ज है, जो उन्हें लगभग 120 वर्ष का बनाती है।”
गोपालगंज जिले के बरौली विधानसभा क्षेत्र के बलहा गांव में रहने वाली मन्त्रुरिया देवी का नाम 2003 से मतदाता सूची में है। 2003 में उनकी उम्र 97 वर्ष दर्ज थी, जबकि 1 अगस्त को प्रकाशित नई सूची में उनकी उम्र 119 वर्ष बताई गई है। बरौली के सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारी-सह-खंड विकास अधिकारी द्वारा 12 अगस्त को जारी रिपोर्ट में कहा गया, “बीएलओ, बीएलओ पर्यवेक्षक, वार्ड सदस्यों और ग्रामीणों की उपस्थिति में किए गए भौतिक सत्यापन में पुष्टि हुई कि मन्त्रुरिया देवी जीवित हैं। उनके आधार कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी 1906 दर्ज है, जो मतदाता सूची में दर्ज आयु से मेल खाती है।”
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि मन्त्रुरिया देवी का नाम नया नहीं जोड़ा गया, बल्कि वह दशकों से मतदाता सूची का हिस्सा हैं। दस्तावेज के अनुसार, “मीडिया रिपोर्ट्स जो इसके विपरीत बता रही हैं, वे गलत हैं।”