राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए 18 जुलाई 2022 को वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं विपक्ष की ओर से संयुक्त रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है। इस बीच एबीपी न्यूज़ के शो प्रेस कॉन्फ्रेंस में यशवंत सिन्हा ने बताया कि उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ते क्यों तल्ख हुए?
आप नरेंद्र मोदी के बड़े विरोधी क्यों हैं? इस सवाल के जवाब में यशवंत सिन्हा ने कहा, “मुझे पीएम मोदी से कोई नफरत नहीं है। व्यक्तिगत रूप से मैं किसी व्यक्ति से नफरत नहीं करता, लेकिन अगर नीतियों को लेकर मतभेद है तो है।” उन्होंने कहा कि मैं एक ढंग से सोचता हूं और वो लोग दूसरे ढंग से सोचते हैं।
पीएम मोदी को उम्मीदवार बनाने की दी थी सलाह: पूर्व वित्त मंत्री ने एक पुराना किस्सा सुनाते हुए कहा, “ये 2013 की बात होगी शायद, उस समय 2014 के चुनाव से पहले मैंने ऑन रिकॉर्ड एक पत्रकार से कहा था कि भारतीय जनता पार्टी को अगर जीतना है तो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बना कर चुनाव लड़ना चाहिए।” उन्होंने कहा कि ये मैंने किस आधार पर कहा था कि मैं देश की नब्ज उस वक़्त महसूस कर रहा था। उसमें व्यक्तिगत कुछ नहीं था।
पीएम मोदी ने फोन कर दिया था धन्यवाद: यशवंत सिन्हा ने बताया कि उनके इस बयान के बाद नरेंद्र मोदी ने खुद उन्हें फोन कर धन्यवाद दिया था कि आपने इस तरह की बात कही मेरे बारे में। उन्होंने कहा, “तीन-चार साल बाद धीरे-धीरे ऐसा समय आया जब मुझे लगने लगा, खासतौर पर आर्थिक नीतियों के मामले में सरकार गलत रास्ते पर जा रही है।”
पूर्व वित्त मंत्री ने बताया, “नोटबंदी के पहले तक भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर आठ प्रतिशत के आसपास थी और वो घटते-घटते अगले तीन-चार सालों में 4 प्रतिशत पर आ गयी। फिर कोरोना माहामारी आने के बाद वह निगेटिव में चली गयी।” उन्होंने कहा कि ये सब आंकड़े है जिन पर ज्यादा चर्चा नहीं होती है और हम भूल जाते हैं। यशवंत सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी एक स्कैम था और उससे देश में जितना भी काला धन था उसे सफ़ेद करने का मौका मिल गया।