राष्ट्रपति चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा को संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बनाया तो उनके बेटे और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा को लेकर सवाल उठने खड़े हो गए। अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से दिए जवाब में जंयत ने कहा कि विपक्ष ने मेरे आदरणीय पिता यशवंत सिन्हा जी को राष्ट्रपति प्रत्याशी घोषित किया गया है। मेरा निवेदन है कि आप सभी इसे पारिवारिक मामला न बनाएं। मैं बीजेपी का कार्यकर्ता और सांसद हूं। मैं अपने संवैधानिक दायित्व को पूरी तरह निभाउंगा।
ध्यान रहे कि यशवंत सिन्हा पहले बीजेपी के कद्दावर नेचताओं में शुमार होते रहे हैं। वो संघ के भी खासे नजदीकी रहे। अटल-आडवाणी युग में वो सेंट्रल टीम के अहम लोगों में से एक थे। अटल बिहारी वाजपेयी उनकी प्रशासनिक क्षमता के कायल थे। वहीं आडवाणी भी उन्हें काफी पसंद करते थे। लेकिन मोदी युग के शुरू होने के साथ ही यशवंत के सितारे गर्दिश में आने शुरू हो गए।
दूसरे सीनियर नेताओं की तरह से उन्हें भी हाशिए पर ला दिया गया। पहले टिकट से इन्कार हुआ फिर पार्टी की अहम बैठकों से वो नदारद रहने लगे। उन्होंने मोदी-शाह के खिलाफ तीखी बातें कहीं। शत्रुघ्न सिन्हा के साथ उन्हें भी बीजेपी के बागी के तौर पर देखा जाता रहा है। हालांकि ये भी एक संयोग है कि दोनों को नया जीवन ममता बनर्जी ने ही दिया। यशवंत को राज्सभा भेजा तो शत्रुघ्न को लोकसभा चुनाव जितवाया।
हालांकि उनके अपने बेटे जयंत को उनकी बगावत का अच्छा खासा दाम चुकाना पड़ा है। मोदी-2 में उनको मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हाल फिलहाल भी वो किसी अहम भूमिका में नहीं हैं। राजनीतिक हलकों में माना जाता है कि यशवंत की जुबान का तीखापन जयंत को ले डूबा।
जाहिर है कि जयंत अभी दो पाटों के बीच फंसे हैं। एक तरफ बीजेपी है जिसने उन्हें दो बार सांसद बनाया तो मोदी के पिछले कार्यकाल में वो मंत्री भी रहे। राज्य मंत्री के तौर पर वित्त और सिविल एविएशन जैसे अहम महकमे उन्हें संभालने को दिए गए। दूसरी तरफ पिता हैं, जिन्हें विपक्ष ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बना मैदान में उतार दिया है। उनके लिए दुविधा की स्थिति है। लेकिन जयंत सिन्हा ने अपना रुख बिलकुल साफ कर दिया।
आप सभी को जोहार ?
विपक्ष द्वारा मेरे आदरणीय पिता जी श्री यशवंत सिन्हा जी को राष्ट्रपति हेतु प्रत्याशी घोषित किया गया है।
मेरा निवेदन है कि आप सभी इसे पारिवारिक मामला न बनाएं।
मैं @BJP4India का कार्यकर्ता और सांसद हूँ। मैं अपने संवैधानिक दायित्व को पूरी तरह निभाउंगा।
जय हिंद! pic.twitter.com/yvyMAFWR8w
— Jayant Sinha (@jayantsinha) June 21, 2022
सोशल मीडिया पर लोगों ने जयंत को तगड़ी नसीहत दी। आदित्य वर्मा ने लिखा कि ये पारिवारिक ड्रामा यहां न करें। क्या हम नहीं जानते की आप अपने पिता का इज्जत करते ही नहीं है तो जनता का क्या करेंगे। आप एक निकम्मे सांसद और बेटे हैं। आपसे यही अपेक्षा है। सौरव रॉय ने उनसे पूछा कि आप आदरणीय पिता जी के समर्थन में रहेंगे या विरोध में?