देश की राजधानी दिल्ली G20 समिट के लिए पूरी तरह तैयार है लेकिन समिट से पहले INDIA और भारत नाम को लेकर हंगामा खड़ा हो गया है। मामला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के G20 में आ रहे विदेशी नेताओं को भेजे गए निमंत्रण पत्र से शुरू हुआ। जिसमें लिखे ‘Republic of Bharat’ से आपत्ति जताई जा रही है। विपक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा पर राजनीतिक एकाधिकार के लिए देश को नया नाम देने का आरोप लगाया। ताजा खबर के मुताबिक अधिकारियों के कार्ड भी बदल दिए गए हैं, जिनपर अब ‘भारत ऑफिशियल’ लिखा गया है।
वहीं कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर INDIA गठबंधन की बैठक के बाद गौरव गोगोई ने संसद के विशेष सत्र का एजेंडा शेयर नहीं करने पर सरकार को आड़े हाथ लिया। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक पत्र लिखेंगी जिसमें संसद के विशेष सत्र का एजेंडा बताए जाने की मांग की जाएगी। यह पत्र विपक्ष के 24 दलों की ओर से भेजा जा रहा है।
भारत या INDIA : विपक्ष का हंगामा
इस मामले को लेकर अब अच्छी-ख़ासी राजनीतिक बहस छिड़ गई है। जहां एक तरफ भाजपा और NDA दलों के नेता इसे एक अच्छा कदम बता रहे हैं वहीं कांग्रेस, AAP और INDIA गठबंधन के नेताओं का कहना है कि ऐसा INDIA गठबंधन के नाम से चिढ़ कर किया जा रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया कि अगर विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम बदलकर “भारत” कर लिया तो क्या सरकार फिर से देश का नाम बदलेगी। सीएम केजरीवाल ने कहा,”ऐसा क्यों हो रहा है? ऐसा कहा जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हमने इंडिया नाम से एक गठबंधन बनाया है… देश 140 करोड़ लोगों का है, किसी एक पार्टी का नहीं। अगर इंडिया गठबंधन अपना नाम फिर से भारत रख लेता है, तो क्या वे इसे बदल देंगे?”
इस मामले पर भाजपा नेताओं का कहना है कि ‘भारत’ शब्द संविधान के अनुच्छेद 1 में भी है, जो कहता है,‘भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का संघ होगा’। यह बहस पक्ष-विपक्ष के बीच जुलाई में विपक्षी गठबंधन द्वारा नाम ‘INDIA’ अपनाने के बाद सामने आई थी।
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “यह पहले ही हो जाना चाहिए था। इससे मन को बहुत संतुष्टि मिलती है। ‘भारत’ हमारा परिचय है। हमें इस पर गर्व है। राष्ट्रपति ने ‘भारत’ को प्राथमिकता दी है। यह औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आने वाला सबसे बड़ा कदम है।”
राजद नेता मनोज झा ने कहा, “अभी कुछ ही हफ्ते हुए हैं जब हमने अपने गठबंधन का नाम INDIA रखा है और बीजेपी ने ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ के साथ निमंत्रण भेजना शुरू कर दिया है। संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा है ‘भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का संघ होगा’।
संसद के विशेष सत्र को लेकर सवाल
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर भारतीय गठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “संसद का यह विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है? केंद्र की ओर से अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, हमारी मांग है कि भाजपा को थोड़ी पारदर्शिता दिखानी चाहिए और देश की जनता को इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में बताना चाहिए। भाजपा भारत गठबंधन से डरी हुई है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ”क्या आपने कभी ऐसी सरकार देखी है जिसका विपक्ष के साथ संवाद न हो?”
अनुराग ठाकुर ने कहा- नाम बदलने के लिए नहीं बुलाया गया है सत्र
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन अटकलों को खासकर विपक्षी खेमे में कि सदन का विशेष सत्र इंडिया से भारत करने के लिए बुलाया गया है को अफवाह बताया और इसे खारिज करते हुए द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ”मुझे लगता है कि ये ये सिर्फ अफवाहें हैं जो हो रही हैं. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि जो कोई भी भारत शब्द पर आपत्ति जताता है, वह स्पष्ट रूप से उसकी मानसिकता को दर्शाता है।”