पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले से कांग्रेस में उथल-पुथल की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रणब दा से संघ मुख्यालय में न जाने की अपील की थी। कुछ कांग्रेसियों ने इसके लिए खुले तौर पर प्रणब मुखर्जी की आलोचना की तो किसी ने पत्र लिखकर आरएसएस के कार्यक्रम में न शामिल होने के कारण गिनाए। यहां तक कि उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी सार्वजनिक तौर पर उनके इस कदम से असहमति जता चुकी हैं। कांग्रेसी नेताओं के अचानक से प्रणब दा पर आक्रामक होने के पीछे की कहानी का खुलासा हुआ है। ‘एनडीटीवी’ के अनुसार, प्रणब मुखर्जी की बॉस रह चुकीं सोनिया गांधी के निर्देश पर कांग्रेस ने प्रणब दा की आलोचना शुरू की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोनिया के निर्देश पर ही कांग्रेस के रणनीतिकार अहमद पटेल ने 6 जून की रात को ट्वीट कर पूर्व राष्ट्रपति के कदम की आलोचना की थी। उन्होंने शर्मिष्ठा मुखर्जी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा था, ‘मुझे प्रणब दा से ऐसी अपेक्षा नहीं थी!’ सोनिया गांधी अपने पूर्व सहयोगी के कदम से खुश नहीं हैं।

प्रणब मुखर्जी आरएसएस के संघ शिक्षा वर्ग में शामिल होने के लिए नागपुर पहुंचे हैं। गौरतलब है कि दशकों तक प्रणब दा की गिनती प्रखर कांग्रेसी नेताओं के तौर पर होती रही है। राष्ट्रपति बनने के बाद उनका किसी पार्टी से संबंध नहीं रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रणब दा को आरएसएस के कार्यक्रम में जाने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। बेटी शर्मिष्ठा और बेटे अभिजित मुखर्जी ने पूर्व राष्ट्रपति को संघ मुख्यालय न जाने के लिए मनाने की भरपूर कोशिश की थी। एनडीटीवी की मानें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रणब दा से मुलाकात कर उन्हें संघ के कार्यक्रम में न जाने के लिए मनाने की कोशिश की थी। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी पूर्व राष्ट्रपति से इस बाबत मुलाकात की थी। इन नेताओं ने पार्टी को बताया था कि प्रणब मुखर्जी नागपुर जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही है। जयराम रमेश ने भी सार्वजनिक तौर पर प्रणब दा से आरएसएस के कार्यक्रम में न जाने की अपील की थी। बता दें कि वर्ष 2010 में कांग्रेस के सम्मेलन में एक प्रणब मुखर्जी की ओर से पेश प्रस्ताव को पास किया गया था। इसमें आरएसएस और आतंकी संगठनों के बीच के संबंधों की जांच करने की बात कही गई थी।