Ayodhya Ram Mandir Movement: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। राम मंदिर आंदोलन में कई संतों-महात्माओं, संगठनों और नेताओं के साथ ही कुछ ऐसे लोगों का भी योगदान है, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। 75 वर्षीय महिला और 1990 में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार द्वारा अयोध्या में कारसेवकों पर गोलीबारी की घटना की प्रत्यक्षदर्शी ओम भारती ने अपने उस अनुभव को याद किया जब लगभग 125 कारसेवकों ने खुद को बचाने के लिए उनके यहां शरण ली थी। 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा उनके लिए खास हो गई है क्योंकि उन्हें भी निमंत्रण मिला है।
तत्कालीन सीएम ने दिया था कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश
2 नवंबर, 1990 को तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने पुलिस बलों को कार-सेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल और 125 कारसेवकों ने ओम भारती के घर में शरण ली थी। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का
निमंत्रण पाकर वह बेहद भावुक हो गईं और कहा कि सभी राम भक्तों का सपना अब साकार हो गया है।
“कारसेवकों के खून, दर्द और अपमान को कभी नहीं भूल सकती”
उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि मैं रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखूंगी, लेकिन मैं अपने कारसेवकों के खून, दर्द और अपमान को कभी नहीं भूल सकती। उनकी एकमात्र मांग राम लला को उनके स्थान पर स्थापित करने की थी, लेकिन अपने राजनीतिक लाभ के लिए, तत्कालीन मुख्यमंत्री ने निर्दोष कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया।”
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में सरकार थी। सीएम ने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था। मेरे घर को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मैंने करीब 125 कारसेवकों को अपने घर में शरण दी और उनके लिए सारी व्यवस्था की थी; भाइयों, मां और बहनें मेरे घर में शरण ले रही थीं। लेकिन जब भी वे बाहर निकलतीं, उन्हें एक-एक करके गोली मार दी जाती।”
उन्होंने गोलीबारी में मारे गए कोठारी बंधुओं के राम जन्मभूमि मंदिर के लिए शहीद होने का भी जिक्र किया। ओम भारती ने कहा, ”कोठारी बंधु भी मेरे यहां रुके थे और जैसे ही वे मेरे घर से बाहर निकले, उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।” घटना के चश्मदीद ने कांग्रेस पर महज दर्शक बने रहने का आरोप भी लगाया।
ओम भारती ने कहा, “कांग्रेस केवल दर्शक बनी रही, मदद नहीं की”
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में सरकार ने कारसेवकों के साथ बहुत अन्याय किया। कांग्रेस भी केवल दर्शक बनी रही, कोई मदद नहीं की और यहां तक कि बाद में मामला अदालत में चला गया। उसने राम मंदिर के निर्माण को रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुई।” घटना को याद करते हुए ओम भारती ने कहा कि उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अपने मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा, “मुलायम सिंह यादव ने मुस्लिम वोटों के लिए ऐसा किया। कारसेवक कुछ नहीं कर रहे थे, वे बस बैठे थे और ‘जय राम-श्री राम’ का जाप कर रहे थे। हिंदू-मुस्लिम का कोई सवाल ही नहीं था। छत से पत्थर फेंकने वाला मुलायम सिंह का ही आदमी होगा। कारसेवकों के पास पत्थर क्यों होंगे? पुलिस बल को पथराव करने वाले व्यक्ति को ढूंढना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय कारसेवकों पर गोलियां चलाई गईं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी की वजह से आज अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है। ओम भारती ने कहा, “आज विपक्ष के लोग भगवान राम पर बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं, जिन्होंने कभी राम पर अपनी आस्था नहीं दिखाई थी। पीएम मोदी और सीएम योगी की सरकार की वजह से आज अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, ये इन्हीं सब की देन है। आज यह संभव हो गया है।”