प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि सभी नागरिक 5 अप्रैल को रात 9 बजे अपने घरों की लाइट बंद कर बाल्कनी और छत पर दीये जलाएं या टॉर्च-मोबाइल फ्लैश के जरिए रोशनी करें। पीएम ने कहा था कि 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के कोरोनावायरस से उभरे संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। देशवासियों को महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद बिजली कंपनियों में ग्रिड फेल होने का डर पैदा हो गया है।

दरअसल, देशभर के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड्स को यह चिंता सताने लगी है कि जब अचानक से पूरे देश में लाइटें बंद की जाएंगी और बिजली की खपत कम होगी, तो ग्रिड पर अतिरिक्त बिजली का लोड पड़ सकता है। अब तक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने-अपने बिजली विभागों को इस सिलसिले में एडवायजरी जारी कर दी है।

क्यों फेल हो सकती है ग्रिड?
पावर ग्रिड के संतुलित और स्थिर रहने के लिए जरूरी है इससे होने वाली बिजली की खपत एक तय फ्रीक्वेंसी में हो। यह फ्रीक्वेंसी है 49.95 से 50.05 हर्ट्ज तक। अगर बिजली की खपत अचानक से बढ़ती या कम होती है, तो इस फ्रीक्वेंसी में बदलाव आता है और ग्रिड अस्थिर होकर फेल हो जाती है। देशभर के बिजली विभागों की चिंता है कि जब देश में सभी लोग अचानक से लाइट बंद करेंगे तो बिजली की खपत में 10 फीसदी तक की कमी आएगी, जिससे ग्रिड फेल होने का खतरा होगा।

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महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने कहा- दीये जलाएं, लेकिन बत्ती न बुझाएं
महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने नागरिकों से कहा है कि वे दीये जलाएं, लेकिन घरों की बिजली न बंद करें। उन्होंने कहा कि इससे ग्रिड फेल हो सकती है और सभी इमरजेंसी सेवाएं फेल हो जाएंगी। ऐसे में व्यवस्था ठीक करने में एक हफ्ते का समय लग सकता है।