अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी चल रही है। इस बीच पटना में विवादित पोस्टर लगाए गए हैं। पटना में लालू-राबड़ी आवास के घर के बाहर विवादित पोस्टर लगाए गए हैं। इस पोस्टर में मंदिर को मानसिक गुलामी का प्रतीक बताया गया है। इस पोस्टर के बाद जेडीयू ने भी आपत्ति जताई है।
पोस्टर पर एक कोट लिखा हुआ है, जिसमे आखिरी में सावित्रीबाई फूले का नाम लिखा गया है। इसमें लिखा है, “मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग। जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो हमें संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान, वैज्ञानिकता और प्रकाश की ओर आगे बढ़ रहे हैं। अब आपको तय करना है कि आपको किस ओर जाना चाहिए?”
पोस्टर पर आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह की तस्वीर लगी हुई है। फतेह बहादुर सिंह विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। इसके पहले उन्होंने मां सरस्वती को लेकर विवादित बातें कहीं थी। उन्होंने मां सरस्वती को चरित्रहीन बताया था। उनके बयान के बाद जेडीयू ने भी आपत्ति जताई है और उन्हें हिदायत भी दी है।
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “पहली बार विधायक बने और उनका नाम तो फतेह बहादुर सिंह है, लेकिन उनका काम कायर बहादुर सिंह वाला है। देवी देवताओं पर टिप्पणी तो करते हैं लेकिन उन्हीं की पूजा में लोगों के घर जाकर भोज भी खाते हैं। लोगों के घर जाकर शादी समारोह में हिस्सा लेते हैं। अगर वह ऐसा मानते हैं तो उनको वहां भी नहीं जाना चाहिए।”
नीरज कुमार ने कहा, “कायर बहादुर सिंह को यह घोषणा करनी चाहिए कि जिसके घर में भी पूजा पाठ होता है, अगरबत्ती जलता है, मंत्रोच्चारण के साथ शादी संपन्न होती है, उनके घर पर वह कभी नहीं जाएंगे। जहां कहीं भी मंत्र के साथ पूजा हो रही हो, उन्हें घोषणा करना चाहिए कि वह नहीं जाएंगे। नहीं तो जनता प्रतीक्षा करती है और ऐसे व्यक्ति का समय आने पर इलाज भी करती है।”