Giriraj Singh On Population: अपने बयानों के चलते अक्सर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union minister Giriraj Singh) ने रविवार (27 नवंबर, 2022) को एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। इस बार उन्होंने जनसंख्या नियंत्रित कानून (Population Control Bill) को लेकर बात कही है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union minister Giriraj Singh) ने कहा कि अगर देश के अंदर जनसंख्या नियंत्रित कानून नहीं बना तो देश में न सामाजिक समरसता और एकता बचेगी… न विकास हो पाएगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि 1978 के पहले चीन की GDP भारत की GDP से कम थी, लेकिन आज चीन हमसे ज्यादा समृद्ध है क्योंकि 1979 में चीन ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ लाया।
गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि जनसंख्या नियंत्रण विधेयक महत्वपूर्ण है, हमारे पास सीमित संसाधन हैं। चीन ने ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ लागू की, जनसंख्या नियंत्रित की और विकास हासिल किया। चीन में एक मिनट में 10 बच्चे पैदा होते हैं, जबकि भारत में एक मिनट में 30 बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे में हम चीन से कैसे मुकाबला करेंगे।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या बिल देश के सभी धर्म-संप्रदाय पर लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो इसका पालन नहीं करें, उन्हें सरकारी लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। साथ ही उनको वोटिंग के अधिकार से वंचित कर दिया जाए।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा को किसी धर्म से नहीं देखना चाहिए: गिरिराज सिंह
इससे पहले शुक्रवार को गिरिराज सिंह ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी हिंसा को धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए और इस तरह की घटनाओं की बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी को निंदा करनी चाहिए। लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा के खिलाफ एक महीने तक चलने वाले अभियान को शुरू करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि महिलाएं अक्सर हिंसा के खिलाफ आवाज नहीं उठाती हैं और पीड़ित होने के बाद भी चुप रहती हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि लोग क्या सोचेंगे।
‘सरकार लिंग संबंधी हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘टेलीविजन की दुनिया में लोग आज विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं, लेकिन भारत की राजनीति के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बेटियों के दर्द का आकलन उनके धर्म के आधार पर किया जाता है। सिंह ने अपने मंत्रालय की टीम को सभी को साथ लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान ‘नई चेतना’ के नेतृत्व करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार लिंग संबंधी हिंसा को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने अपने मंत्रालय से कहा कि वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन में सभी को साथ लेकर चले और लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएं।