Air Pollution in Delhi NCR: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से प्रदूषण को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में बताने के लिए कहा है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह GRAP लेवल-4 के तहत उठाए जाने वाले कदमों में कटौती की अनुमति नहीं देगा, भले ही AQI 450 से नीचे आ जाए।
प्रदूषण पर दिल्ली सरकार ने क्या कहा? – दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर होने के चलते चिकित्सा आपात स्थिति पैदा हो गयी है लेकिन केंद्र अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
उन्होंने कहा कि धुंध को बस कृत्रिम बारिश या हवा से दूर किया जा सकता है लेकिन केंद्र ने इस पर दिल्ली सरकार के अनुरोध पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। केंद्र ने दिल्ली NCR में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट को प्रदूषण से संबंधित चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में विशेष कार्यबल बनाने का निर्देश दिया गया है। स्कूलों से 10वीं और 12 वीं कक्षाओं के स्टूडेंट्स में मास्क बांटने को कहा गया है। ऑड- ईवन योजना के बारे में पूछे जाने पर गोपाल राय ने कहा कि सरकार दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठायेगी।
बीजेपी ने बांट मास्क
राजधानी में प्रदूषण के मुद्दे को भुनाने के लिए बीजेपी की दिल्ली यूनिट ने सोमवार को शहर के विभिन्न मेट्रो स्टेशनों के बाहर मास्क बांटे। बीजेपी के इस कैंपेन में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ विधायक विजेंद्र गुप्ता, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, सांसद प्रवीण खंडेलवाल और पार्टी के अन्य नेता शामिल हुए।
इस मौके पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रदूषण के मौजूदा संकट के लिए आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “अगर दिल्ली को इस भयानक स्थिति में पहुंचाने के लिए कोई जिम्मेदार है, तो वह केजरीवाल सरकार है। उन्होंने पिछले दस सालों में प्रदूषण को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है।”
साउथ दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी प्रदूषण के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली विधानसभा के अंदर और बाहर लगातार इस मुद्दे को उठाया है। चाहे केजरीवाल के नेतृत्व में हो या अब आतिशी के नेतृत्व में, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। एक बेहतर सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क निजी वाहनों पर निर्भरता को कम कर सकता है, जो वायु प्रदूषण में अहम योगदान देता है।”