दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। 6 जनवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आठ फरवरी, 2019 को मतदान होगा और 11 को नतीजे आएंगे। इसके बाद लोगों के मन में एक ही सवाल है कि नतीजे क्या होंगे? क्या अरविंद केजरीवाल सत्ता में वापसी करेंगे? क्या बीजेपी या कोई और गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब होगा?
जनसत्ता.कॉम ने चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद एक पोल कराया। इसमें सीधा सवाल किया गया कि क्या दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी (आप) सरकार दोबारा बनवाएगी? दो घंटे में 19 हजार लोगों ने अपनी राय दी। इनमें से 55 फीसदी ने कहा कि फिर से आप की ही सरकार बनेगी। 45 फीसदी की राय में आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर सकेगी।
वोट में शामिल होने के अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने कमेंट भी किए। इनमें से कई ने आम आदमी पार्टी की जीत के कारण बताए। मुफ्त पानी, वाइफाई, बिजली आदि की स्कीम को आप की जीत का बड़ा कारण बताया। कुछ लोगों ने सीटों का अनुमान संख्या बता कर लगाया तो कुछ ने दो-तिहाई बहुमत कह कर आप की जीत तय बताई।
कुछ लोगों ने बीजेपी की जीत की भी बात कही, जबकि कुछ ने मनोज तिवारी को अलग कर चुनाव लड़ने की नसीहत दी। बता दें कि तिवारी दिल्ली भाजपा अध्यक्ष हैं। हालांकि, बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि वह नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ेगी।
बता दें कि दिल्ली में चुनाव ऐसे वक्त हो रहे हैं जब जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और जेएनयू में भीड़ के हमले के वजह से लोग आक्रोशित है। कांग्रेस और आप इसे अपने पक्ष में भुनाना चाह रही हे, जबकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ही इसके पीछे की साजिश में शामिल है।
दिल्ली में पिछला चुनाव 2015 में हुआ था। तब आप ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। 70 में से 67 सीटों पर उसी के उम्मीदवार जीते थे। 2015 में कांग्रेस का वजूद ही मिट गया था। तीन सीटें जीत कर बीजेपी ने किसी तरह अपना अस्तित्व बचाया था।
बीजेपी ने पूर्वांचल से आने वाले भोजपुरी अभिनेता और गायक मनोज तिवारी को पार्टी अध्यक्ष बनाया, लेकिन कहा जा रहा है कि उनके नेत्तव से पार्टी में कुछ लोग नाराज हैं। शायद यही वजह है कि बीजेपी ने उनके नाम पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
