उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच राज्य में असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बादी की मार झेल रहे किसानों को राहत दिये जाने के मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चला।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा बहुत ‘चालू’ पार्टी है जबकि शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर किसानों के मुद्दे पर केवल ‘भाषणबाजी’ करने का आरोप लगाया।

अखिलेश ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य के किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है। शाह ने इस आरोप से साफ इंकार करते हुए कहा कि उल्टे राज्य की सत्ताधारी सपा सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया।

शाह ने हाथरस की सिकंदराराऊ तहसील में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ ‘भाषणबाजी’ के अलावा मुख्यमंत्री ने प्रभावित किसानों के लिए कुछ नहीं किया।

अखिलेश यादव ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि उसने प्रदेश के किसानों को जो धन दिया है, उसके ब्यौरे का खुलासा करे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि यदि केन्द्र ने पैसा दिया है तो वह कहां है? मंच से संबोधन करते हुए यह दावा करना आसान है कि हजारों करोड़ रुपये दिये गये, लेकिन उन्हें (भाजपा नेताओं को) बताना चाहिए कि यह धन कैसे और कब दिया गया। मेरी राय में भाजपा सबसे चालू पार्टी है।’’

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलें खराब होने के सदमे के शिकार हुए 51 मृत किसानों के परिजन को कुल तीन करोड़ 71 लाख रुपए के चेक वितरित किये। इनमें बांदा जिले के 18, मैनपुरी के नौ, महोबा के आठ, मुजफ्फरनगर तथा बदायूं के पांच-पांच, हमीरपुर के तीन, सम्भल के दो तथा प्रतापगढ़ का एक किसान परिवार शामिल है।

मुख्यमंत्री ने उक्त टिप्पणी अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। यह कार्यक्रम उन किसानों को चेक वितरण के लिए था, जिनकी फसल असमय बारिश के कारण तबाह हो गयी।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों की मदद की कोशिश कर रही है। उसने उन किसानों के परिवार वालों को सात सात लाख रुपये दिये हैं, जिनकी फसल बर्बाद होने की वजह से मौत हो गयी।

अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार को 14 लाख रुपये देने चाहिए थे। भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति लोगों का ध्यान बांटने की है, जो लोग भाजपा और उसके नेताओं के नारों से प्रभावित हुए थे, अब जमीनी स्तर पर कार्य होने की उम्मीद करेंगे।

उन्होंने कहा कि जहां तक किसानों को राहत का सवाल है, सपा सरकार ने 2000 करोड़ रुपये का वितरण किया है।

उधर, मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों के हितैषी नहीं हैं। वह केवल भाषणबाजी करते हैं। असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण तकलीफों का सामना कर रहे किसानों को अब तक चेक नहीं मिले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यहां (हाथरस) के किसानों ने बताया कि जिले में अब तक 40 किसानों की मौत हो चुकी है लेकिन जिलाधिकारी एवं तहसीलदार अपनी रिपोर्ट में मौत का कारण कुछ और बताते हैं। यहां का लेखपाल किसान की फसल का नुकसान केवल 25 फीसदी बताकर उन्हें मात्र 250 रुपये का चेक स्वीकृत करा रहा है। यही वजह है कि यहां का किसान आत्महत्या कर रहा है।’’