पंजाब सीएम पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह की रुखसती के बाद भी पंजाब में सियासी तूफान नहीं थम रहा रहा है। पीपीसीसी चीफ नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर पंजाब सरकार पर हमला बोला है। सिद्धू ने सरकार से मांग की है कि बेअदबी मामले में अटॉर्नी जनरल और डीजीपी को हटाया जाए।

सिद्धू ने कहा कि बेअदबी के मामलों में न्याय की मांग और नशीली दवाओं की तस्करी के सूत्रधारों की गिरफ्तारी के लिए 2017 में कांग्रेस सरकार आई थी। इन मामलों में नाकामी के कारण लोगों ने कैप्टन अमरिंदर को हटा दिया था। अब एजी व डीजी की नियुक्ति पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़क रही हैं। उन्हें बदला जाना चाहिए वरना हमारा कोई चेहरा नहीं होगा। उन्होंने पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह पर भी निशाना साधा।

2015 में फरीदकोट में सिख धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी मामले में पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई। यह मुद्दा अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच विवाद की वजह था। कांग्रेस चीफ के पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद माना जा रहा था कि सब कुछ अब कंट्रोल में है लेकिन सिद्धू ने एक बार फिर डीजीपी, अटॉर्नी जनरल और दागी नेताओं की नियुक्ति पर सवाल उठा दिया। इससे साफ है कि पंजाब कांग्रेस का सियासी तूफान कैप्टन के जाने के बाद नहीं थमा है।

सिद्धू ने डीजीपी सहोता पर हमला करते हुए कहा कि डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता वही अफसर हैं, जिन्होंने बेअदबी मामले में बादल परिवार को क्लीन चिट देकर दो सिख युवकों को गलत ढंग से आरोपी बना दिया। उन्होंने उन दो सिख युवकों को भरोसा दिलाया था कि उनके साथ इंसाफ होगा।

ध्यान रहे कि सिद्धू ने डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्तियों पर एतराज जताते हुए प्रदेश प्रधान पद से अपना इस्तीफा हाईकमान को भेज दिया था। हाईकमान ने सिद्धू का इस्तीफा नामंजूर करते हुए पंजाब के कांग्रेस नेताओं को अपने स्तर पर विवाद सुलझाने के निर्देश दिए। पंजाब भवन में बैठक के दौरान भी सिद्धू पंजाब के कार्यकारी डीजीपी और एडवोकेट जनरल को हटाने की मांग पर अड़े थे लेकिन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी इस बात पर अड़े थे कि इन दोनों पदों पर नियुक्तियां हाईकमान की मंजूरी के बाद की गई हैं। 

गौरतलब है कि सिद्धू ने कहा था कि वह किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं, लेकिन अपने सिद्धांतों पर हमेशा कायम रहेंगे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यभार संभालने के बाद ही कुछ नियुक्तियों से नाराज सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया था। दो अक्टूबर को सिद्धू ने ट्वीट किया था कि वह बापू और शास्त्री जी के सिद्धांतों को कायम रखेंगे। पद रहे या नहीं रहे राहुल, प्रियंका गांधी के साथ खड़े रहेंगे।