पंजाब के फिरोजपुर में रैली के लिए जाते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक (PM Modi Security Breach) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पांच सदस्यीय पैनल की नियुक्ति कर दी। जांच कमेटी की अध्यक्षता पूर्व जज इंदू मल्होत्रा को सौंपी गई है। इंदू मल्होत्रा ऐसी पहली महिला जज रहीं, जिन्हें सीधे बार की तरफ सुप्रीम कोर्ट की बेंच में अपॉइंट किया गया था। वह देश की उन गिनी-चुनी 6 महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें देश की स्वतंत्रता के बाद से अब तक सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया। इंदू मल्होत्रा ने अप्रैल 2018 से मार्च 2021 तक सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज अपनी सेवाएं दीं।
उच्चतम न्यायालय ने एनआईए के आईजी, चंडीगढ़ के डीजीपी, पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के महापंजीयक को जांच समिति के सदस्यों के रूप में नियुक्त किया। उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के महापंजीयक को प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था संबंधी दस्तावेज न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा को सौंपने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जिस पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है वह तीन अहम बिंदुओं की जांच करेगी। पहला- सुरक्षा उल्लंघन के लिए कौन जिम्मेदार है। दूसरा- सुरक्षा चूक के पीछे मूल कारण क्या रहा और तीसरा- पीएम मोदी और अन्य संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
पांच जनवरी को फिरोजपुर डीआईजी इंदरबीर सिंह और एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस फिरोजपुर जिले में पीएम का स्वागत करने वाले थे, लेकिन 200 प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर रखा था। इससे वे वहां पहुंच नहीं सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक रुकना पड़ा था। इस दौरान पास के गुरुद्वारे से इसकी घोषणा कर दी गई। उसको सुनकर वहां और अधिक किसान पहुंच गए। तब प्रधानमंत्री की सुरक्षा जोखिम में देख एसपीजी टीम को उनको वहां से निकालने का फैसला करना पड़ा था।
पीएम की सुरक्षा में चूक पर कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा ने कहा, “यह दुःखद है कि पंजाब के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का दौरा बाधित किया गया, लेकिन हम ऐसी घटिया मानसिकता को पंजाब की तरक्की में बाधक नहीं बनने देंगे और पंजाब के विकास के लिए प्रयास जारी रखेंगे।”
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था, “यह शर्म की बात है कि पंजाब के कल्याण के लिए विकास योजनाओं को शुरू करने के रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के काफिले को रोक दिया। यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है। तथ्य यह है कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को और भी बदतर बना दिया है।”
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को हुई उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक 10 घंटे तक चली। 10 फरवरी से शुरू होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम और रणनीति पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई थी।
