प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने मासिक रेडियो संबोधन में मोदी देश में घटते लिंगानुपात सहित कई सामाजिक मुद्दों पर तो बोले, लेकिन ललित मोदी मामले से उठे राजनीतिक तूफान पर उन्होंने चुप रहना ही पसंद किया। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने तीखे हमले किए हैं। ललित मोदी पर चुप रहने के लिए भाकपा और आप भी प्रधानमंत्री पर हमला कर रही है।

आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने राजनीतिक मुद्दों को उठाने से परहेज किया। उन्होंने उन लोगों को भी निराश किया जो उनसे ललित मोदी मामले पर बोलने की उम्मीद लगाए थे। इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम जुड़ रहा है।

रविवार को कांग्रेस ने विवादित मुद्दों पर, खासकर ललित मोदी प्रकरण और पंकजा मुंडे मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल करते हुए उन्हें आड़े हाथ लिया। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पंकजा मुंडे के खिलाफ लगे आरोपों का हवाला देते हुए कहा, ‘चुप्पी को लेकर मनमोहन सिंह की आलोचना करने वाले प्रधानमंत्री अब खामोश हैं।’ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता राज बब्बर ने शनिवार को मांग की थी कि अगर प्रधानमंत्री मोदी कथित अनियमितता की आरोपी महिला मंत्रियों का इस्तीफा लेने में खुद को ‘असहाय’ पा रहे हैं तो उनको पद छोड़ देना चाहिए।

कांग्रेस इन दिनों भाजपा की चार महिला नेताओं वसुंधरा राजे, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे पर निशाना साध रही है। केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार के एक साल पूरा होने के बाद अब जनता की ओर से चुनावी वादों पर अपने नेताओं से सवाल पूछने का समय है।

उन्होंने कहा, ‘यह समय है कि तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और केंद्र सरकार के सांसदों को वोट देने वाले लोग एक साल पूरा होने के बाद सवाल करें कि क्या कम से कम 20 फीसद वादे पूरे हुए।’ चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री को लोगों से स्पष्ट करना चाहिए कि एक साल की अवधि में उन्होंने क्या किया और क्या ‘उनके वादे के मुताबिक अच्छे दिन आए हैं।’

उधर हैदराबाद में रविवार को कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ललित मोदी विवाद पर नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर उन पर जोरदार प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वह आइपीएल के पूर्व प्रमुख के खिलाफ मामलों में उनकी मदद कर रहे हैं। सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि रविवार को प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ करते हैं। लेकिन उन मूलभूत सवालों का जवाब नहीं देते जो पिछले पखवाड़े भर से ललित मोदी विवाद से उभर कर सामने आए हैं। मेरा आरोप है कि ललित मोदी की प्रधानमंत्री मदद कर रहे हैं। मेरा आरोप है कि उन्होंने ललित मोदी से वादा किया है कि जिन मामलों में प्रवर्तन निदेशालय उनकी जांच कर रहा है, उनमें उन्हें बचा लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा वाले नैतिकता और जवाबदेही की बात करते हैं लेकिन जब इसे व्यवहार में लाने की बारी आई तब उन्होंने कहा कि हम जो कहते हैं वह पूरी तरह से सच है। सिर्फ यूपीए के मंत्री इस्तीफा देंगे और राजग के नहीं, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान पर कांग्रेस नेता ने इसे हेकड़ी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फासीवादी चरित्र से जुड़ी हुई हेकड़ी है जो फासीवाद का ही एक चेहरा है जिसके लिए भाजपा जानी जाती है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मीडिया की सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और हर मुद्दे पर ट्वीट करते हैं, लेकिन अहम मुद्दों पर मौन साधे हुए हैं। हम उनसे ललित मोदी के साथ उनके संबंध जानना चाहेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपने लपेटे में लेने वाले ललित मोदी विवाद पर और क्या कार्रवाई की गई, उस बारे में हम उनसे जानना चाहेंगे। हम प्रधानमंत्री से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राम शंकर कठेरिया की शैक्षणिक योग्यता के बारे में भी जानना चाहेंगे। हम महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े की शैक्षणिक योग्यता के बारे में भी जानना चाहेंगे। हम यह भी जानना चाहेंगे कि महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे ने निविदा जारी करने में नियमों का पालन किया था या नहीं। लेकिन नरेंद्र मोदी मौन हैं।