वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साेमवार को लोक सभा में राज्य सभा द्वारा पास किए गए GST बिल को पेश किया। ‘एक देश एक टैक्स’ के नारे के साथ जेटली ने कहा कि इससे टैक्स चोरी में कमी आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल लोक सभा को संबोधित कर रहे हैं। लोक सभा में अपने भाषण की शुरुआत में मोदी ने विपक्षी दलों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके सहयोग से ही जीएसटी बिल पास हो सका है। उन्होंने कहा, ”हम ऐसा निर्णय ले रहे हैं जिससे सबको फायदा होगा। जिस पर राज्यों, लोक सभा, राज्य सभा ने मंथन किया है। एक भारत के भाव को ताकत देने का काम जीएसटी करेगा। टैक्स टेररिज्म से मुक्ति पाने के लिए यह विधेयक जरूरी है। 90 प्रतिशत दलों के सदस्यों से बिल का समर्थन किया है। ये किसी दल की नहीं, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की विजय है। यह सभी सरकार के योगदान की विजय है। कोई जीता नहीं, कोई हारा नहीं।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ”जीएसटी का मतलब है ग्रेट स्टेप बाई टीम इंडिया। जीएसटी सिर्फ कर व्यवस्था नहीं, यह सभी राज्यों को अपनी व्यवस्था लगेगी। एक मंच, एक मत, एक मार्ग, एक मंजिल ये मंत्र आज बिल को लाने में अनुभव किया।” उन्होंने विपक्षी दलों की तारीफ करते हुए कहा, ”हमने इसे राजनीति का मंच बनने नहीं दिया, यह लोकतंत्र की विजय है। सहमति से जीएसटी लाने के लिए हम लगातार चर्चा करते रहे। चर्चा के लिए लोकसभा से सोनिया और राज्य सभा से मनमोहन सिंह तक को बुलाया था।” मोदी ने कहा कि वे लोकसभा को लोअर हाउस नहीं मानते।
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मोदी ने सदन में बोलते हुए कहा, ”केन्द्र और राज्यों के बीच एक विश्वास पैदा करने की जरूरत थी। इसलिए हम लगातार बातचीत करते रहे। जीएसटी से कर व्यवस्था में सरलता आएगी। जीएसटी से छोटे उत्पादकों को सुरक्षा की गारंटी मिलेगी। इससे कस्टमर किंग बन जाएगा। हमें पांच चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है- मनी, मैन, मशीन, मैटेरियल, मिनट। जीएसटी की वजह से पर्यावरण को फायदा होगा। इसके लागू होने से सामान लाने-ले जाने में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। जीएसटी के कारण देश के पूर्वी हिस्सों को फायदा मिलेगा। भारत के विकास के लिए पूर्वी राज्यों का विकास करना जरूरी है। जीएसटी से पिछड़े राज्याें की आय बढ़ेगी। उसके बाद राज्य हेल्थ सेक्टर में निवेश कर सकते हैं।”
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पीएम ने कहा कि जीएसटी बिल गरीबों के लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों, गरीबों के काम की चीजें जीएसटी से बाहर हैं। जीएसटी से केन्द्र और राज्यों के बीच विश्वास बनेगा। मोदी ने कहा, ”देश के 65 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। यह हमें विरासत में मिली है। लेकिन गरीबी के खिलाफ लड़ने की इच्छा हम सबकी है। तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। हमारी कोशिश है कि गरीबों को आर्थिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाया जाए। इससे हम गरीबों को खुद गरीबी दूर करने की ताकत दे सकते हैं। जीएसटी इस माहौल को तैयार करने में बहुत अहम साबित होगा।”
मोदी ने कहा कि हमारे देश में कच्चे-पक्के बिल होते हैं। इसके बाद जैसे ही उन्होने पानी पीने के लिए गिलास उठाया, विपक्ष के सदस्य खड़े होकर हंगामा करने लगे। इस पर प्रधानमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि आपको (विपक्ष) को तो कच्चे बिल ही पसंद हैं। मोदी ने कहा, ”जीएसटी लागू होने के बाद रोजगार की संभावनाएं भी बढेंगी। जीएसटी से करदाताओं को ईमानदारी दिखाने से भी मुनाफा होगा। हम एक शुभ शुरुआत के साथ आगे बढ़ रहे हैं।” मोदी ने कहा कि बड़े-बड़े लोकतांत्रिक देशों में भी वित्त बिल को पास कराना दुरुह हो जाता है। यह भारत के लोकतंत्र की खासियत है। यह भारत के राजनैतिक दलों की ताकत है, यह लोकतंत्र की ताकत है कि हम सभी अपने-अपने विरोध को पीछे छोड़ कर देशहित में इस बिल को पास कर रहे हैं।”
मोदी ने कहा कि ”हमारी सरकार को 100 सप्ताह का ही समय हुआ है। लेकिन इसी दौरान हमने 100 से ज्यादा बिल पास किए हैं। सभी इसके लिए अभिनंदन के अधिकारी है।”