प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन पर सीधा हमला बोलने के बाद अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “मिस्टर मोदी, आप हमें जो चाहें बुला लें, हम इंडिया हैं। हम मणिपुर में हालात ठीक करने और हर महिला व बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेंगे। हम मणिपुर के हर व्यक्ति के लिए प्यार और शांति वापस लाएंगे। हम मणिपुर में इंडिया के आइडिया का दोबारा निर्माण करेंगे।”

क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी?

बीजेपी संसदीय दलों की मीटिंग में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्षी दलों का वर्तमान गठबंधन को भारत का अब तक का सबसे दिशाहीन गठबंधन करार दिया। मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नाम यह स्पष्ट करते हैं कि सिर्फ देश के नाम के इस्तेमाल के जरिए लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता है।

बीजेपी संसदीय दल की बैठक के बाद प्रह्लाद जोशी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के काम के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि उन्होंने लंबे समय तक विपक्ष में रहने का निश्चय कर लिया है। बैठक के बाद दिल्ली से बीजेपी के सांसद रमेश बिधुड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को बांटने की प्लानिंग करने वालों के पास भी ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नाम थे, लेकिन लोग इन चालों से गुमराह नहीं होंगे।

खड़गे बोले- हम मणिपुर की बात कर रहे

राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम मणिपुर के बारे में बात कर रहे हैं, वह जल रहा है। प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इंडिया का मतलब ईस्ट इंडिया कंपनी है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि कांग्रेस पार्टी भारत माता के साथ है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अंग्रेजों के गुलाम ही बीजेपी के राजनीतिक पूर्वज थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप अपनी बयानबाजी से देश का ध्यान भटकाना बंद करें। संसद में मणिपुर के बारे में बोलें, इंडिया यानी भारत को अच्छा या बुरा कहकर प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कम न करें।

ओम बिड़ला के प्रयासों से भी नहीं निकला कोई हल

मणिपुर के मसले पर संसद में हंगामा जारी है। हंगामा दूर करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन इसमें भी कोई हल नहीं निकला। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैठक में सरकार और विपक्षी नेता मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अपने रुख पर अड़े रहे।

विपक्ष के नेता लगातार मणिपुर के मसले पर संसद में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि वो चर्चा के लिए तैयार है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर हिंसा पर डिबेट का जवाब दिया जाएगा।