अगूूस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले में सोनिया गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर अरुण जेटली ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। जेटली ने कहा कि एक राजनेता का दूसरे राजनेता के खिलाफ संसद के बाहर दिया गया राजनीतिक भाषण केवल ‘प्रचार’ के लिए होता है। जैसा कि कल(सोमवार) कांग्रेस के सदस्य दिन भर मीडिया के सामने करते रहे। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को संसद में और संसद के बाहर भ्रष्टाचार पर बोलने का अधिकार है और उनकी आवाज दबाई नहीं जा सकती।’
इससे पहले कांग्रेस सांसद लक्ष्मण शांताराम नाईक ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम और रक्षामंत्री संसद के बाहर झूठ बोला है। उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि उन्होंने शांताराम नाइक के शून्यकाल के नोटिस के आधार पर उन्हें बोलने की अनुमति दी है और वह विशेषाधिकार हनन जैसे अन्य मुद्दे न उठाएं। कुरियन ने कहा कि नाइक ने जो कुछ कहा, उसे वह कार्यवाही से निकालते हैं।
कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहे वह संसद में बोलें या संसद के बाहर, चाहे वह देश में बोलें या देश के बाहर, वह प्रधानमंत्री ही होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने ही रक्षा मंत्री के बयान से विरोधाभासी बयान दिया है। इस पर जेटली ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। इसके बाद कुरियन ने इस मुद्दे पर और कुछ कहने की अनुमति नहीं दी और शून्यकाल के तहत सदस्यों से लोक महत्व के मुद्दे उठाने को कहा। बता दें कि पीएम मोदी ने तमिलनाडु में रविवार को चुनावी रैली में अगूस्ता वेस्टलैंड मामले में सोनिया गांधी पर निशाना साधा था। उन्होंने उनके इटली कनेक्शन का जिक्र किया था।