Lok Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र में एनसीपी में दो फाड़ होने के बाद भले ही पार्टी का एक धड़ा अजीत पवार के साथ एनडीए में आ चुका हो लेकिन शरद पवार अभी भी विपक्षी गठबंधन में ही हैं और उन्होंने एनसीपी शरद राव पवार बनाई। शरद पवार निश्चित तौर पर राज्य के दिग्गज नेताओं में से एक हैं और उनके लिए एक बड़ी सहानुभूति लहर भी हैं, जिसके चलते ही अब बीजेपी ने उनके खिलाफ आक्रामक हमले करने शुरू कर दिए हैं, जिसकी कमान खुद पीएम मोदी ने संभाली है।
बीजेपी मिशन महाराष्ट्र को पूरा करने के लिए पूरी तरह से मोदी फैक्टर कर निर्भर दिख रही है। वहीं परंपरा से हटकर शरद पवार के खिलाफ पीएम मोदी के हमले बेहद ही आक्रामक हो गए हैं। पहले पीएम मोदी उनकी नीतियों तक सीमित रहते हुए आलोचना करते थे, लेकिन अब पीएम ने उनकी राजनीति पर सवाल उठाए हैं।
मोदी और पवार के बीच एक साफ्ट रिलेशन रहा है लेकिन अचानक पीएम मोदी के तीखे प्रहारों ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। पश्चिमी महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में पीएम ने कहा कि महाराष्ट्र में एक भटकती आत्मा है। यदि यह सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है तो दूसरों का खेल बिगाड़ने में भूमिका निभाती है।
शरद पवार को लेकर बोले – महाराष्ट्र कैसे संभालेंगे
पीएम मोदी ने कहा था कि महाराष्ट्र ऐसी भटकती आत्मा का कैदी और शिकार रहा है। पीएम मोदी का यह हमला सीधे शरद पवार को लेकर माना जा रहा है। इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने शरद पवार को लेकर यह तक कह दिया कि जब पवार अपने परिवार को नहीं संभाल सकते तो वह महाराष्ट्र को कैसे संभालेंगे।
शरद पवार का भावनात्मक कटाक्ष
दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों बयानों का पवार ने जवाब नहीं दिया है। उनका मानना है कि यह एक स्पष्ट संकेतक है कि मोदी को एहसास हो गया है कि वह जमीन खो रहे हैं। हमले को अपने अंदाज में लेते हुए पवार ने कहा कि हां, मैं एक अस्वस्थ आत्मा (अशांत आत्मा) हूं। यह बेचैनी उन किसानों के लिए है जो मुश्किलों से जूझ रहे हैं। मेरी बेचैनी महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों की तकलीफों को उजागर करने की है। मैं लोगों की समस्याओं को उजागर करने के लिए इस बेचैनी को सौ बार भी बरकरार रखने को तैयार हूं।
बीजेपी को शरद पवार ने ही पहुंचाया था बड़ा नुकसान
बीजेपी के नेता ने इसको लेकर यह कहा कि लव और वॉर में सबकुछ जायज है। ‘भटकती आत्मा’ शब्द का प्रयोग आमतौर पर उन लोगों के लिए किया जाता है जो अपनी इच्छा पूरी करने के लिए लगातार भटकते हुए असफल होते रहते हैं। बीजेपी यह मानती है कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद पवार ने महाराष्ट्र का राजनीतिक विमर्श बदल दिया था। वह पवार ही थे जो तीन दशक पुराने शिवसेना और बीजेपी गठबंधन को तोड़ने में सफल रहे थे। उद्धव ठाकरे को कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन सरकार का सीएम बनाकर उन्होंने बीजेपी का राजनीतिक झटका दिया था।
2019 की सजा भुगत रहे ठाकरे और शरद पवार
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे 2019 के चुनावों के बाद जनता के जनादेश पर कायम रहते, तो न तो ठाकरे और न ही पवार ऐसी स्थिति में आते, जहां उनकी पार्टियाँ विभाजित हो चुकी हैं। उन्होंने अपने कर्मों की कीमत चुकाई है। अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के साथ BJP को 11 लोकसभा सीटों के साथ पूरे पश्चिमी महाराष्ट्र पर कब्ज़ा करने की उम्मीद थी। माढ़ा में, पवार ने विजयसिंह मोहिते पाटिल को भाजपा छोड़कर राकांपा (सपा) में शामिल कराया। उन्होंने बीजेपी के मौजूदा सांसद रंजीतनायक निंबालकर के खिलाफ माढ़ा से धैर्यशील मोहिते पाटिल को टिकट की पेशकश की।
बता दें कि मराठा आरक्षण के कारण मराठा बनाम ओबीसी ध्रुवीकरण हो रहा है। बीजेपी मोदी फैक्टर पर केंद्रित रहना चाहती है। एनसीपी और शिवसेना को तोड़ने के लिए ऑपरेशन लोटस की इंजीनियरिंग के बावजूद, भाजपा सीनियर पवार और ठाकरे के चुनावी आधार को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर पाई है।