India First Vertical Lift Sea Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्राचीन तमिल संस्कृति, सभ्यता एवं तमिल-इतिहास को दर्शाने वाले पंबन ब्रिज को राष्ट्र को समर्पित किया। यह समुद्र के पानी में निर्मित देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है। जिसका पीएम मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में उद्घाटन किया। नया पंबन ब्रिज 6,790 फीट लंबा है और समुद्र में 2.08 किलोमीटर तक फैला है।

यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है। नया पंबन ब्रिज 6,790 फीट लंबा है और समुद्र में 2.08 किलोमीटर (2,078 मीटर) तक फैला है।

पीएम मोदी तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी वहां उपस्थित जनता को भी संबोधित करेंगे। पंबन ब्रिज को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है जो अगले 100 साल तक सुरक्षित रहेगा।

टीवी9 से बात करते हुए भारतीय रेलवे के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने कहा कि देश का सबसे बेहतरीन इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर पाबन ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है और यह अगले 100 सालों तक सुरक्षित रहेगा। दिलीप कुमार ने कहा कि पुराने ब्रिज को खोलने में सामान्य तौर पर करीब 45 मिनट का समय लगता था, जबकि नए ब्रिज को सिर्फ पांच मिनट में खोला जा सकता है और 3 मिनट में बंद भी किया जा सकता है।

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उन्होंने बताया कि पंबन ब्रिज के पास समुद्री हवाएं काफी तेज चलती है। कभी कभी 100 किलोमीटर की रफ्तार से भी हवा चलती है। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सिग्नल को विंड स्पीड से कनेक्ट किया गया है। मसलन जैसे ही 50 किलोमीटर से उपर की रफ्तार से हवा चलेगी वैसे ही ट्रेन का परिचालन बंद हो जाएगा। सामरिक महत्व के हिसाब से देखें तो इस पुल की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में पुल के चारों ओर हाई रिजोल्यूशन कैमरा लगाया गया है। जिससे पुल की हर गतिविधियों पर नजर रखा जाएगा।

पंबन ब्रिज की क्या है खासियत?

इसे भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज होने का गौरव प्राप्त है।
नया पंबन ब्रिज समुद्र में 6,790 फीट लंबा है।
समुद्र के पार इसके 100 मेहराब (Arches) हैं।
99 मेहराब 18.3 मीटर ऊंचे हैं और सेंट्रल वर्टिकल Arch (मेहराब) 72.5 मीटर ऊंचा है।
यह पास के सबसे पुराने रेलवे पुल से 3 मीटर ऊंचा है।
इसमें भविष्य में डबल ट्रैक निर्माण के लिए नींव और संरचना है।
इसे रेलवे अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RTSO) द्वारा अनुमोदित किया गया है।

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