प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों के शांतिपूर्ण व पारदर्शी ढंग से संपन्न होने और लोगों की बड़ी भागीदारी को शनिवार को भारत के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि इन चुनावों ने एक नया अध्याय लिखा और दिखाया कि देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है।

प्रधानमंत्री ने जम्मू एवं कश्मीर के सभी निवासियों के लिए पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच प्रदान करने वाले आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-सेहत की शुरुआत की। जम्मू-कश्मीर के डीडीसी चुनावों का जिक्र करते प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर के हर मतदाता के चेहरे पर मुझे विकास के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर भविष्य का विश्वास देखा।’

उन्होंने कांग्रेस का जिक्र करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बनने के साल भर के भीतर डीडीसी के चुनाव करा लिए गए, जबकि कांग्रेस के शासन वाले पुदुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और नगरपालिका के चुनाव नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में कुछ लोग सुबह-शाम, आए-दिन मोदी को कोसते रहते हैं। आए-दिन मुझे लोकतंत्र सिखाने के लिए रोज नए-नए पाठ पढ़ाते हैं। मैं उन लोगों को याद दिलाना चाहता हूं। जम्मू -कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के एक साल के भीतर पंचायती राज व्यवस्था को लागू करके दिखाया गया, लेकिन दूसरी ओर विडंबना देखिए कि पुदुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और नगरपालिका के चुनाव नहीं हो रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुदुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में स्थानीय निकाय के चुनाव हुए थे और इसमें जीतने वालों का कार्यकाल 2011 में ही खत्म हो चुका है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि गांव के विकास में, गांव के लोगों की भूमिका सबसे ज्यादा रहे और इसके मद्देनजर योजना बनाने से लेकर अमल और देखरेख तक पंचायती राज से जुड़े संस्थानों को ज्यादा ताकत दी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘गरीब से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए अब पंचायतों का दायित्व काफी बड़ा है। इसका लाभ जम्मू कश्मीर में भी दिख रहा है। जम्मू एवं कश्मीर के गांव-गांव में बिजली पहुंची, यहां के गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं।’

मोदी ने पहना फिरन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम तौर जब किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो वे उस कार्यक्रम से संबंधित परिधानों को तरजीह देते हैं और शनिवार को भी ऐसा ही हुआ। जम्मू एवं कश्मीर में आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सेहत की शुरुआत के मौके पर उन्होंने इस केंद्रशासित प्रदेश की पारंपरिक ‘फिरन’ को पहना। इस फिरन को उन्हें जम्मू एवं कश्मीर के एक खेतिहर मजदूर ने पिछले साल सर्दियों में भेंट किया था। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित आज के कार्यक्रम में विशेष उपहार के रूप में मिले फिरन को पहना। कंधों से लेकर एड़ियों तक लंबा पहनावा फिरन कश्मीर की परंपरा और संस्कृति का हिस्सा है। फारसी में इसे पेहराहन कहा जाता है। ो