जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ 3 घंटे की मैराथन बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सही समय आने पर पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से बहाल हो जाएगा। उन्होंने इस दौरान मीटिंग में दिल्ली की दूरी के साथ दिल की दूरी मिटाने की बात कही। पीएम का कहना था कि फिलहाल राजनीतिक गतिविधी बढ़ाने पर जोर रहेगा, जिससे सभी के बीच विश्वास की बहाली बढ़ाई जा सके।
मीटिंग में जम्मू-कश्मीर की 8 पार्टियों के 14 नेताओं ने शिरकत की। इसमें शामिल चार नेता सूबे के पूर्व सीएम रह चुके हैं। मीटिंग में इस बात पर मंथन किया गया कि सूबे को फिर से कैसे पटरी पर लाया जा सकता है। 2019 में अनुच्छेद 370 की समाप्ति और जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को खत्म कर केंद्र शासित प्रदेश की श्रेणी में शामिल करने के बाद वहां राजनीतिक उठापटक चल रही थी। नेता इस बात की पुरजोर खिलाफत कर रहे हैं कि सूबे को दो हिस्सों में क्यों बांटा गया। गौरतलब है कि लद्दाख को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। पिछले लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए बृहस्पतिवार को वहां के 14 नेताओं के साथ अहम बैठक की।
We are committed to ensure all round development of J&K.
The future of Jammu and Kashmir was discussed and the delimitation exercise and peaceful elections are important milestones in restoring statehood as promised in parliament.
— Amit Shah (@AmitShah) June 24, 2021
Today’s meeting on Jammu and Kashmir was conducted in a very cordial environment. Everyone expressed their commitment to democracy and the constitution. It was stressed to strengthen the democratic process in Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/oa6ZYQVz9J
— Amit Shah (@AmitShah) June 24, 2021
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक के बाद कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा-जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। सभी ने संविधान और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की। जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया। हम जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास को लेकर कटिबद्ध हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के भविष्य को लेकर चर्चा हुई और परिसीमन की प्रक्रिया तथा शांतिपूर्ण चुनाव राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अहम मील के पत्थर हैं, जैसा कि संसद में वादा किया गया था।
हमने बैठक में कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की बात भी बोली। केंद्र सरकार जल्द से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाएं। बैठक में अधिकतर पार्टियों ने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है: कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद https://t.co/5dYd3rgawl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2021
मैंने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 को रद्द होने से नाराज़ है। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा: महबूबा मुफ़्ती, पीडीपी अध्यक्ष pic.twitter.com/SKCWySYPTh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2021
बैठक बहुत शानदार हुई। मैंने कहा कि 370 का मामला सु्प्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट धारा 370 के मामले पर फ़ैसला करेगा। मैंने धारा 370 कि कोई मांग नहीं रखी: पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग, प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद pic.twitter.com/GVxpDqLMFI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2021
सर्वदलीय बैठक में शामिल अधिकांश राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और जल्द से जल्द विधानसभा का चुनाव संपन्न कराने की मांग उठाई। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर विश्वास कायम करने की दिशा में काम किया जाए।
अब्दुल्ला ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने को वह कानूनी एवं संवैधानिक माध्यम से चुनौती देते रहेंगे। लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘विश्वास खत्म हो गया है और उसे तुरंत बहाल करने की जरूरत है और उसके लिए केंद्र को जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली की दिशा में काम करना चाहिए। NC नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने बैठक में कहा कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा 370 को ख़त्म करने के फ़ैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे। हम अदालत के जरिए 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लड़ेंगे। लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्ज़ा दिया जाए।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ादने कहा कि बैठक में हमने कांग्रेस की तरफ़ से सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे सरकार के सामने रखी। राज्य का दर्ज़ा जल्दी बहाल करे सरकार। महबूबा मुफ़्ती, पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 को रद्द होने से नाराज़ है। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि मैंने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 को रद्द होने से नाराज़ है। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा। महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि मैंने बैठक में प्रधानमंत्री की प्रशंसा की और कहा कि आपने पाकिस्तान से बात कर सीज़फायर करवाया। घुसपैठ कम हुई यह अच्छी बात है। मैंने PM से कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान से बात करने पर सुकून मिलता है तो आपको पाकिस्तान से बात करनी चाहिए।