Modi in Egypt: अमेरिकी यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए शनिवार को काहिरा पहुंचे। मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली ने उनका स्वागत किया। अपनी यात्रा के दौरान मोदी मिस्र के प्रधानमंत्री के साथ गोलमेज बैठक करेंगे और राष्ट्रपति अल-सिसी से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान नरेंद्र मोदी राजधानी काहिरा में 11वीं सदी की अल-हकीम मस्जिद का दौरा करेंगे। वह मस्जिद में करीब आधा घंटा बिताएंगे। यहां वह दाऊदी बोहरा समुदाय से भेंट करेंगे। राष्ट्रपति अल-सिसी के निमंत्रण पर पीएम मोदी मिस्र के दो दिवसीय दौरा पर पहुंचे हैं। यह 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधान मंत्री की मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने काहिरा में उतरने के बाद ट्वीट किया, “मुझे विश्वास है कि यह यात्रा मिस्र के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगी. मैं राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ बातचीत और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं।” पीएम ने आगे लिखा, “एयरपोर्ट पर मेरा स्वागत करने के विशेष भाव के लिए मैं प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली को धन्यवाद देता हूं। भारत-मिस्र संबंध फले-फूले और हमारे देशों के लोगों को लाभ मिले।

‘मोदी, मोदी’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों से स्वागत

मोदी जब यहां होटल पहुंचे तो भारतीय समुदाय के लोगों ने भारतीय तिरंगा लहराते हुए ‘मोदी, मोदी’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों के साथ उनका स्वागत किया। साड़ी पहने मिस्र की एक महिला ने फिल्म ‘शोले’ के लोकप्रिय गीत ‘ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे’ गाकर पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान प्रधानमंत्री गीत को प्रशंसात्मक भाव से सुनते दिखे और उन्होंने उस समय आश्चर्य व्यक्त किया जब महिला ने कहा कि वह बहुत कम हिंदी जानती है और कभी भारत नहीं आई है।इसके बाद मोदी ने कहा, “किसी को पता भी नहीं चलेगा कि आप मिस्र की बेटी हो या हिंदुस्तान की बेटी हो।” काहिरा में भारतीय प्रवासी अमरनाथ दास कहते हैं, ”पीएम मोदी की मिस्र यात्रा से दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत होंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी हेलियोपोलिस शहीद स्मारक भी जाएंगे, जहां वह प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे। पीएम मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी से मुलाकात से पहले वहां के मंत्रियों के एक समूह के इंडिया यूनिट के साथ भी बातचीत करेंगे।

जानिए पीएम मोदी के लिए मस्जिद का दौरा क्यों महत्व रखता है?

प्रधानमंत्री के लिए मस्जिद का दौरा इसलिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा, क्योंकि इसका पुननिर्माण दाऊदी बोरहा मुस्लिम समुदाय ने करवाया था, जिसके साथ पीएम मोदी का गहरा नाता है। दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के लिए मस्जिद का खास महत्व है। इस समुदाय की बड़ी आबादी भारत में रहती है। सबसे ज्यादा दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में रहते हैं। प्रधानमंत्री राज्य में भाजपा की जीत और शासन के लिए समुदाय को श्रेय देते रहे हैं। दाऊदी बोहरा समुदाय की उत्पत्ति फातिमिदी राजवंश से हुई है, जिसने मस्जिद का 1970 में पुनर्निर्माण करवाया था। यह देश की चौथी सबसे पुरानी और इब्न तुलुन के बाद सबसे बड़ी मस्जिद है।

गुजरात में रहती है दाऊदी बोहरा समुदाय की बड़ी आबादी

पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में दाऊदी बोहरा की बड़ी आबादी रहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गुजरात में 27 सालों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। बोहरा समुदाय के लोग 11वीं सदी में भारत आए थे और 1539 में यमन से आए लोग गुजरात में बस गए थे।

2021 में बांग्लादेश यात्रा के दौरान भी मोदी ने की थी बोहरा समुदाय से मुलाकात

2011 में जब वह मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त उन्होंने बोहरा समुदाय के प्रमुख सैयेदना बुराहानुद्दीन का सौंवा जन्मदिन मनाने के लिए समुदाय के लोगों को बुलाया था। 2014 में उनकी मृत्यु हुई तो पीएम मोदी उनके अंतमि संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई गए थे। उन्होंने सैयेदना बुराहानुद्दीन के उत्तराधिकारी सैयेदना मुफाद्दल सैफुद्दीन से भी मुलाकात की थी, जो अभी समुदाय के चीफ हैं। साल 2021 में अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोहरा समुदाय से मिले थे। उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ बोहरा समुदाय से मुलाकात की थी। 2018 में उन्होंने इंदौर में समुदाय के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था।