PM Narendra Modi Address to UN: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UNECOSOC (United Nations Economic and Social Council) के हाई लेवल सेग्मेंट वाले सत्र को संबोधित किया। खास बात यह रही कि यह संबोधन यूनाइटेड नेशंस की 75वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर हुआ। पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान यूएन के पुनर्गठन की मांग उठाई। पीएम ने कहा कि आज जब हम यूएन का 75वां साल मना रहे हैं, तब हमें इसके वैश्विक बहुपक्षीय सिस्टम को बदलने की शपथ लेनी चाहिए। पीएम ने कहा कि यूएन की प्रासंगिकता और इसका प्रभाव बढ़ाने के साथ इसे नई तरह के मानव-केंद्रित वैश्विकरण का आधार बनाना जरूरी होगा। यूएन दूसरे विश्व युद्ध के आवेश के बाद पैदा हुआ था। अब एक महामारी के आवेश के बाद हमें फिर इसमें सुधार का मौका मिला है।
पीएम ने कहा कि 2022 तक देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हाउसिंग फॉर ऑल के योजना के तहत सभी भारतवासियों के सिर के ऊपर छत होगी। चाहे भूकंप, चक्रवात, इबोला संकट या कोई अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित संकट हो, भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ जवाब दिया है। कोरोना के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई में हमने 150 से अधिक देशों में चिकित्सा और अन्य सहायता उपलब्ध करवाई है।
वर्चुअल भाषण के दौरान पीएम मोदी नॉर्वे के प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ समापन सत्र में संबोधित किया। दरअसल, दो साल के लिए भारत सिक्योरिटी काउंसिल का अस्थायी सदस्य बना है। देश के समर्थन में 192 में से 184 वोट पड़े थे। वहीं, इंडिया का बीता कार्यकाल एक जनवरी, 2021 को खत्म होना था। बता दें कि USA, UK, फ्रांस, रूस और चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं, जबकि 10 अस्थायी सदस्य होते हैं, जिसमें आधे हर साल दो वर्ष के लिए चुने जाते हैं।
Highlights
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरु करने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट आज एक अहम बैठक करने जा रहा है। ट्रस्ट आज भूमि पूजन की तारीख पर फैसला कर सकता है। इस बीच निर्माण कार्य के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी के अयोध्या जाने पर अभी कोई जानकारी नहीं है। यह साफ नहीं है कि पीएम कोरोना के बीच मंदिर निर्माण कार्यक्रम में जाएंगे या नहीं। हालांकि, भूमि पूजन के लिए अगस्त का महीना तय किया गया है। तारीख का निर्णय आज हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएन के कार्यक्रम में दिए भाषण में कहा कि कोरोना से लड़ाई के दौरा हमारे आधारभूत हेल्थकेयर सिस्टम ने यह सुनिश्चित किया कि दुनियाभर में हमारा रिकवरी रेट बेहतर रहे। पीएम ने कहा कि भारत 2025 तक टीबी जैसी घातक बीमारी को भी मिटाने की राह पर चल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से यूएन को संबोधित किए जाने के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी बात रखी। भारत से उलट चीन की तरफ से कहा गया कि यूएन के सिस्टम को बदलने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। उन्होंने इसे संरक्षित करने की बात कही। साथ ही कहा कि इसे एकतरफ से बदलने की कोशिश बिल्कुल भी नहीं की जानी चाहिए। वांग का यह हमला अमेरिका की ओर माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को अपने विवाद सुलझाने के लिए बातचीत का सहारा लेना चाहिए, न कि सीधे उस पर प्रतिबंधों और डराने की कोशिशों की जानी चाहिए। वंग ने कहा कि ऐसी ताकतों को दूसरे देशों के आंतरिक मुद्दों में भी नहीं घुसना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूएन के पुनर्गठन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसे नई तरह से गठित किए जाने की जरूरत है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब पीएम ने इस पर अपनी आवाज बुलंद की है। एक साल पहले ही पीएम ने सऊदी अरब में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि कुछ देश यूएन को अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर रहे हैं, न कि एक ऐसे संस्थान के तौर पर जो विवाद सुलझाए।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को यूएन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन पर भी बात की। उन्होंने कहा, 'हम विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के साथ प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को नहीं भूले हैं। हमने कार्बन उत्सर्जन रोकने में बहुत बड़ा काम किया है। 450 गीगावाट रिन्युएबल ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के लिए हमने सबसे बड़ा अभियान चलाया है। भूकंप हों, तूफान हों, इबोला हो या कोई भी मानव जनित या प्राकृतिक परेशानी हो, भारत ने हमेशा दूसरों की मदद की है।
पीएम मोदी ने यूएन में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज अपने घरेलू प्रयासों के माध्यम से, हम फिर से एजेंडा 2030 और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। हम उनके सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में अन्य विकासशील देशों का भी समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यों और ECOSOC का सक्रिय समर्थन किया है। ECOSOC के पहले अध्यक्ष एक भारतीय थे। ECOSOC के एजेंडे को आकार देने में भारत ने भी योगदान दिया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मूल रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के उपद्रवों से पैदा हुआ था। आज महामारी के प्रकोप ने इसके पुनर्जन्म और सुधार के नए अवसर प्रदान किए हैं। आइए हम यह मौका न गंवाएं।
पीएम मोदी ने कहा कि चाहे भूकंप, चक्रवात, इबोला संकट या कोई अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित संकट हो, भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ जवाब दिया है। कोरोना के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई में हमने 150 से अधिक देशों में चिकित्सा और अन्य सहायता उपलब्ध करवाई है।
पीएम मोदी ने कहा कि चाहे भूकंप, चक्रवात, इबोला संकट या कोई अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित संकट हो, भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ जवाब दिया है। कोरोना के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई में हमने 150 से अधिक देशों में चिकित्सा और अन्य सहायता उपलब्ध करवाई है
पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि 2022 तक देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हाउसिंग फॉर ऑल के योजना के तहत सभी भारतवासियों के सिर के ऊपर छत होगी।
पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि शुरुआत से ही, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यों और ECOSOC का सक्रिय समर्थन किया है। ECOSOC के पहले अध्यक्ष एक भारतीय थे। ECOSOC के एजेंडे को आकार देने में भारत ने भी योगदान दिया।
आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी), संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के छह प्रमुख अंगों में से एक, यूएन द्वारा किए गए आर्थिक, सामाजिक, मानवीय और सांस्कृतिक गतिविधियों की दिशा और समन्वय का काम करता है। ECOSOC की स्थापना संयुक्त राष्ट्र चार्टर (1945) द्वारा की गई थी, जिसे 1965 और 1974 में संशोधित कर सदस्यों की संख्या 18 से बढ़ाकर 54 की गई थी। ECOSOC की सदस्यता भौगोलिक प्रतिनिधित्व पर आधारित है।
र्चुअल भाषण के दौरान पीएम मोदी नॉर्वे के प्रधानमंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ समापन सत्र में बोलेंगे। पिछले महीने UNSC में मिली भारत को जीत के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूएन में यह पहला भाषण है।
पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 75वें साल के मौके पर संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्तूबर 1945 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हुई थी। इस साल 24 अक्तूबर को इस अंतरराष्ट्रीय संगठन को 75 साल पूरे हो जाएंगे। इस कार्यक्रम के दौरान संयुक्त राष्ट्र के कार्यशैली और भविष्य की जिम्मेदारियों को लेकर चर्चा होगी।