देश में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद जब लोग अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और जरूरी दवाइयों के लिए तरसने लगे तो डीआरडीओ की तरफ से पांच अस्पताल बनाए गए। भले ही ये अस्पताल डीआरडीओ की तरफ से बनाए गए हों लेकिन पीएम केयर्स फंड से ही इन अस्पतालों को आर्थिक मदद दी गई है। इन अस्पतालों में मरीजों के देखभाल और इलाज का अधिकांश जिम्मा भी सेना के डॉक्टरों और स्टाफ को ही दिया गया है।
कोरोना संक्रमण के बेकाबू हो जाने के बाद डीआरडीओ की तरफ से दिल्ली में 900 बेड, गुजरात के अहमदाबाद में 900 बेड, पटना में 500 बेड, वाराणसी में 750 बेड और लखनऊ में 500 बेड का कोविड अस्पताल बनाया गया। समाचार वेबसाइट द प्रिंट के अनुसार भले ही डीआरडीओ इन कोविड अस्पतालों के प्रशासन का जिम्मा संभाल रही हो लेकिन ये सभी अस्पताल राज्य सरकार और पीएम केयर्स फंड की मदद से ही बनाए गए हैं। साथ ही इन अस्पतालों में लगने वाले सभी मशीन और जरूरी संसाधनों के लिए भी फंडिंग राज्य सरकारों और पीएम केयर्स के द्वारा ही की गई है।
इतना ही नहीं इन अस्पतालों में सेना के तीनों अंगों के डॉक्टरों और स्टाफ को ही मरीजों के इलाज का जिम्मा दिया गया है। डीआरडीओ इन कोविड अस्पतालों में सिर्फ प्रशासक की भूमिका निभा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पांचो कोविड अस्पतालों में सेना की तरफ से करीब 1306 मेडिकल स्टाफ की टीम लगाई गई है जिनमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और टेक्निकल स्टाफ शामिल हैं। सभी पांच अस्पतालों में सबसे ज्यादा 371 मेडिकल स्टाफ गुजरात के अहमदाबाद में बने कोविड केयर सेंटर में लगाए गए हैं।
समाचार वेबसाइट द प्रिंट के सूत्रों के अनुसार डीआरडीओ की तरफ से बनाए गए ये सभी अस्पताल कोरोना के मामलों में कमी होने के बावजूद चालू रखे जा सकते हैं। हालांकि पिछले साल भी दिल्ली में डीआरडीओ की तरफ एक अस्पताल बनाया गया था लेकिन कोरोना के मामलों में गिरावट होने के साथ ही इसे बंद कर दिया गया था। डीआरडीओ सभी पांचों अस्पतालों के अलावा भी कई अन्य अस्पतालों को तैयार करने में जुटा है। ऐसा ही एक अस्पताल गुजरात के गांधीनगर में तैयार किया जा रहा है जिसकी फंडिंग टाटा ट्रस्ट की तरफ से की जाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में करीब 259,551 नए मामले सामने आए। साथ ही करीब 4209 लोगों की मौत इस महामारी की वजह से हो गई। वहीं इस अवधि में 3,57,295 लोग ठीक भी हुए। पिछले 24 घंटे के आंकड़े सामने आने के बाद देश में अभी भी करीब 31 लाख मामले उपचाराधीन हैं। अभी तक कुल 2,91,331 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है।