Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) Amendments Bill News in Hindi: गृह मंत्री अमित शाह यूएपीए बिल पर चर्चा के दौरान शुक्रवार (दो अगस्त, 2019) को संसद में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर बुरी तरह भड़क उठे। आपातकाल का दौर याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि उस समय मीडिया बैन कर दिया गया था। विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और आप लोग हैं कि हम (सत्तारूढ़ बीजेपी) पर इस चीज की तोहमत लगा रहे हैं। अरे, अपने उन दिनों को याद कीजिए।

बता दें कि संसद ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने और आतंकवाद की जांच मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को और अधिकार देने वाले ‘विधिविरूद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) संशोधन विधेयक, 2019’ (यूएपीए) को मंजूरी दे दी। सरकार ने इसके प्रावधानों के दुरुपयोग की विपक्ष की आशंकाओं को निराधार बताते हुए कहा कि ये प्रावधान जांच एजेंसियों को आतंकवाद से ‘‘चार कदम आगे रखने के लिए हैं।’’

ताजा मामले में उन्होंने कहा, “चिदंबरम जी ने पूछा था- ‘आखिर किसी व्यक्ति को आतंकी क्यों करार दिया जाए? वह भी तब जब उस आतंकी संगठन को पहले से ही बैन किया जा चुका है, जिससे वह जुड़ा है।’ ऐसा इसलिए, क्योंकि हम एक संगठन पर प्रतिबंध लगाते हैं और दूसरा आतंकी संगठन उसी व्यक्ति को आगे लेकर आ जाता है। ऐसे में हम कब तक इस तरह के संगठनों को बैन करते रहेंगे?”

बकौल गृह मंत्री, “आपातकाल के दौरान क्या हुआ था? पूरे मीडिया पर बैन लगा दिया गया था। सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। 19 महीनों तक देश में कोई लोकतंत्र नहीं रहा था और आप हम पर कानून का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं? कृपया अपने पुराने दिनों को याद करें।”

शाह ने आगे बताया, “लगता है कि दिग्विजय सिंह जी गुस्सा हो गए हैं। यह स्वाभाविक है, क्योंकि वे लोग चुनाव (लोकसभा) हारे हैं…उन्होंने कहा था- ‘नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के तीन मामलों में किसी को भी सजा नहीं मिली।’ मैं आपको बताता हूं कि ऐसा क्यों हुआ। दरअसल, पहले इन केसों में राजनीतिक बदला निकाला गया और आतंक को एक धर्म से जोड़ने की कोशिश की गई।”