पेगासस कांड पर एक टीवी डिबेट में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव की सफाई पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने उन्हें, उनकी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों ले लिया। दो टूक कहा- छुई-मुई बनकर मत बैठिए। मर्द की तरह संसद और विपक्ष का सामना करें। कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी पीएम की सदन में गैर-मौजूदगी को लेकर आई।
दरअसल, यह मामला गुरुवार (12 अगस्त, 2021) का है। अंग्रेजी न्यूज चैनल इंडिया टुडे पर डिबेट हो रही थी। पत्रकार राजदीप सरदेसाई के साथ राव, खेड़ा और राजनीतिक विश्लेषक सुधींद्र कुलकर्णी थे। खेड़ा ने कहा, “संसदीय प्रक्रिया का ये लोग (भाजपाई) सम्मान नहीं करते। आपको याद होगा कि कृषि कानून किस तरह पारित किए गए। उन्हें कमेटी के पास क्यों नहीं भेजा गया? हर चीज की एक प्रक्रिया होती है। अगर मिस्टर मोदी ही प्रक्रिया नहीं समझेंगे तब…प्रह्लाद जोशी (संसदीय कार्य मंत्री) को भी प्रक्रिया समझनी चाहिए। वे प्रक्रिया का पालन नहीं करते।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि वे एक वीडियो का चुनिंदा हिस्सा लीक करते हैं। हमारी महिला सांसदों का क्या? “मेहम” से पहले 45 मार्शल पहले से क्यों बुला लिए गए थे? सरकार को सब कुछ पता था…पहले ही सब ले आए, पेगासस लगा रखा था? ये सब पेगासस से भागने के लिए है। एक आदमी का डर, जो नरेंद्र मोदी। ऐसा डरपोक पीएम नहीं देखा। पेगासस का नाम आते ही संसद से वह गायब हो लिए। सदन में न तो पीएम दिखते हैं और न गृह मंत्री नजर आते हैं। क्या डर है, साहब? पीएम क्यों नहीं कह पाते कि उनके किसी भी विभाग का एनएसओ से कोई लेना देना नहीं है?
आगे बीजेपी सांसद बोले, “विपक्ष कभी भी किसी भी चीज पर चर्चा नहीं चाहता है। वे संसद में हो-हल्ला करना चाहते। वे अलग ही राग अलापते हैं। मुझे लगता है कि असल डरपोक व्यक्ति से देश की जनता वाकिफ हो चुकी है। हम पहले दिन से…पेगासस पर जवाब दे रहे हैं। आईटी मंत्री ने उस पर बात रखी थी। इन्होंने कभी नहीं चाहा कि सदन चले। ये लोकतंत्र को हाईजैक करने की साजिश है।”
ऐंकर के एक सवाल पर खेड़ा ने कहा, “जब राहुल ट्रैक्टर पर या साइकिल से संसद गए, तब क्या पेगासस ही मुद्दा था? हमने सारे मुद्दे उठाए। राहुल रेप पीड़िता के परिवार से मिले। आप हमें सदन के भीतर नहीं बोलने देंगे, हम बाहर संवाद करेंगे। आपने हमारे माइक्रोफोन बंद करा दिए थे। आप लोग रूलबुक फेंकने पर चिल्ला रहे हैं, पर जब सरकार रूल्स फेंक देती है, तब आप नहीं चिल्लाते। बड़ा गंभीर अपराध क्या है?”
राजदीप द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आप पीएम का सम्मान नहीं करते? खेड़ा ने सख्त लहजे में जवाब दिया- सम्मान कमाया जाता है। न कि मांगा जाता है। उन्होंने सम्मान के लिए किया क्या है? आप (मोदी) संसद नहीं आएंगे कि कहीं आपकी इज्जत न कम हो जाए। आप सबकी बेइज्जती करते रहें, पर खुद इसी के डर से सदन नहीं आते हैं। विरोध क्या बेइज्जती होता है? मनमोहन सिंह को तो आप लोग नारे लगा “चोर हैं-चोर हैं” कहते थे। वह तो बेइज्जती नहीं मानते थे। आपको क्या डर है? आप क्या स्वर्ग से आए हैं? ये छुई-मुई बनकर मत बैठिए। राजनीति में हैं, तो सवालों, विपक्ष और संसद का मर्दों की तरह सामना करिए।