जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने भाजपा और पीडीपी से सरकार बनाने को लेकर रुख साफ करने को कहा है। इसके लिए उन्होंने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा को मंगलवार को मुलाकात के लिए बुलाया है। भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा और पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख्तर ने राज्यपाल के बुलावे की पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने विचार विमर्श करने के लिए कल शाम पीडीपी प्रमुख को फैक्स से संवाद भेजा। महबूबा का कल दोपहर को राज्यपाल से मिलने का कार्यक्रम है जिसके बाद वोहरा, प्रदेश भाजपा प्रमुख से मिलेंगे।
वहीं जम्मू कश्मीर में सरकार गठन पर अनिश्चितता के बीच भाजपा कोर ग्रुप की जम्मू में बैठक हुई। जम्मू के गांधीनगर इलाके में हुई बैठक में पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह, मंत्री, सांसद और जम्मू कश्मीर भाजपा अध्यक्ष शामिल हुए। इस दौरान पीडीपी के रूख और पार्टी की रणनीति को लेकर चर्चा हुई। इससे पहले महबूबा ने रविवार को पार्टी नेताओं के साथ चार घंटे चली बैठक में कहा कि मुफ्ती सईद ने इस उम्मीद में भाजपा के साथ गठजोड़ करने का एक साहसिक पर अलोकप्रिय फैसला किया था कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी जम्मू कश्मीर से जुड़ी प्रमुख राजनीतिक एवं आर्थिक मुद्दों का हल करने के लिए निर्णायक उपाय करेंगे। हालांकि, उन्होंने इस बात की आलोचना की कि उन मुद्दों पर अक्सर विवाद को तूल दिया जिन्हें टाला जा सकता था। इससे राज्य सरकार की ऊर्जा नष्ट हुई।
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में पार्टी को अब इसकी फिर से समीक्षा करनी होगी कि राज्य के लोगों के बीच सुलह की कोशिशों के दौरान अक्सर लगने वाले झटकों को हम सह पाएंगे या नहीं। पीडीपी प्रमुख ने कल यहां विधायक दल की बहुप्रतीक्षित बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि उनके दिवंगत पिता के नेतृत्व में 10 महीने चली गठबंधन सरकार राजनीतिक और आर्थिक कोशिशों पर बहुत कम गतिविधि ही कर सकी। उन्होंने कहा कि इसके बजाय शासन पर किए गए अच्छे कार्यों पर कुछ घटनाक्रमों का नकारात्मक असर पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को जम्मू कश्मीर में शांति एवं स्थिरता के हित में पीडीपी-भाजपा ‘गठजोड़ के एजेंडा’ को लागू करने की लिए ठोस उपाय करने होंगे तथा एक तय समय सीमा निर्धारित किए जाने की जरूरत है।
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महबूबा ने आज बैठक में कहा कि वह तभी जाकर कोई फैसला करेंगी, जब भाजपा गठबंधन के उद्देश्य को इसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने का उसे विश्वास दिलाएगी। यह गठबंधन मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ किया था। महबूबा ने इस बात का जिक्र किया कि गठबंधन का उद्देश्य सरकार गठन तक सीमित नहीं है बल्कि राज्य को उस संकट से निकालना है, जिसका इसने अपने इतिहास के ज्यादातर हिस्से में सामना किया है। उन्होंने कहा, ‘पीडीपी को यह फिर से समीक्षा करनी होगी कि क्या केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों पर विश्वास करने के लिए और उद्देश्य की गंभीरता के साथ गठजोड़ के एजेंडा को लागू करने को तैयार है।
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इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस ने सरकार गठन में देर करने को लेकर पीडीपी की आलोचना करते हुए उसे भाजपा के साथ गठबंधन पर शीघ्र ही हां या, ना करने को कहा। नेकां ने कहा कि जम्मू कश्मीर गंभीर संवैधानिक संकट में है जहां दोनों पार्टियों गठबंधन में पर्याप्त संख्या में है लेकिन एक निर्वाचित सरकार लोगों के संवैधानिक अधिकारों को छीनने के लिए अब तक आमादा है।