राहुल गांधी ने बुधवार (तीन जुलाई, 2019) को साफ कर दिया कि वह अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं, लिहाजा पार्टी जल्द से जल्द नए चीफ पर फैसला ले ले। उन्होंने इसके अलावा टि्वटर प्रोफाइल इंट्रो में भी पहचान बदल ली और कांग्रेस चीफ के बजाय पार्टी सांसद लिख लिया। सूत्रों के मुताबिक, संसद भवन में मीडिया से राहुल ने कहा, “पार्टी बिना किसी देरी के नए अध्यक्ष पर जल्द फैसला ले। मैं अब इस प्रक्रिया में कहीं भी नहीं हूं। मैं पहले ही इस्तीफा सौंप चुका हूं और कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हूं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) इस बारे में जल्द से जल्द बैठक करे और निर्णय ले।”

राहुल ने आगे यह भी कहा कि नए पार्टी अध्यक्ष के लिए चुनाव एक महीने पहले हो जाना चाहिए था।उन्होंने इस बाबत दोपहर को एक ट्वीट भी किया, जिसके साथ चार पन्नों वाला पत्र  भी अपलोड किया गया था। पत्र में राहुल ने आम चुनाव में हार की जिम्मेदारी ली, जबकि उस ट्वीट में लिखा, “यह मेरे लिए सम्मान की बात थी कि मैंने कांग्रेस की सेवा की, जिसके मूल्यों व सिद्धांतो ने इस सुंदर देश की सेवा की। जय हिंद।” यह रहा उनका ट्वीटः

इस्तीफा सार्वजनिक करने के बाद राहुल ने टि्वटर प्रोफाइल पर कांग्रेस अध्यक्ष की जगह कांग्रेस सांसद लिख लिया।

दरअसल, हालिया लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी व बीजेपी से करारी हार के बाद राहुल ने हार की नैतिक जिम्मेदारी ली थी। चुनावी नतीजों के बाद हुई 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में उन्होंने चीफ पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, पर उसे सभी नेताओं ने खारिज कर दिया था। सभी नेता बोले थे कि राहुल ही पार्टी का पुनःगठन करते हुए मार्गदर्शन करें।

हालांकि, इसके बाद भी वह अपने फैसले पर अडिग रहे। राहुल का कहना था कि नया पार्टी अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होना चाहिए। मान-मनौव्वल के दौर के बाद भी नहीं माने। यहां तक कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें मनाने के लिए सांकेतिक प्रदर्शन, भूख हड़ताल और खुदकुशी तक के प्रयास किए। एक दिन पहले यानी मंगलवार (दो जुलाई, 2019) को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के पास एक कार्यकर्ता ने पेड़ पर लटक जान लेने की कोशिश सिर्फ राहुल को मनाने के लिए की।

बता दें कि राहुल इस बार के आम चुनाव में दो जगह से लड़े थे। उत्तर प्रदेश के अमेठी में वह बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए थे, जबकि केरल की वायनाड सीट उन्होंने बचा ली थी। राहुल, 2017 में कांग्रेस चीफ बनाए गए थे। नए कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे और लोकसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुल खड़गे के नाम आगे चल रहे हैं। वहीं, कुछ जानकारों की मानें तो इस चीफ पद की दौड़ में पूर्व पीएम और सोनिया के करीबी मनमोहन सिंह का नाम भी उछल रहा है।