Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हुआ। परंपरा के तहत सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ओम बिरला ने सबसे पहले पूर्व सांसदों के निधन पर दुख जताया। स्पीकर ने एक-एक करके सभी 11 मृतक सांसदों का नाम लिया और उनके निधन पर दुख व्यक्त किया। इस दौरान सभी सांसदों ने दो मिनट का मौन रखा। हालांकि, इससे पहले अटकलों का बाजार इस बात को लेकर गर्म था कि अतीक अहमद को श्रद्धांजलि दी जाएगी या नहीं।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अतीक अहमद के बारे में कहा, ‘अतीक अहमद 14वीं लोकसभा में फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के भी सदस्य रहे। इसके अलावा वह रेल संबंधी समिति के सदस्य भी रहे। उनका निधन 15 मई 2023 को 60 वर्ष की आयु में प्रयागराज में हुआ था।

इसके बाद स्पीकर ओम बिरला अन्य मृतक सांसदों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सांसद रतनलाल कटारिया अंबाला संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे। उनका निधन 71 वर्ष की आयु में 18 मई 2023 को चंडीगढ़ में हुआ। वह कई समितियों के सदस्य भी रहे थे। इसके अलावा वह हरियाणा की विधानसभा में सदस्य रह चुके थे।

लोकसभा अध्यक्ष ने सुरेश नारायण धानोरकर उर्फ बालूभाऊ के बारे में बताया कि वह वर्तमान में महाराष्ट्र की चंद्रपुर संसदीय सीट से निर्वाचित होकर सदन में आए थे। उनका निधन मात्र 48 साल की अल्पआयु में 30 मई, 2023 को हो गया था। अध्यक्ष ने कहा कि सदन वर्तमान एवं पूर्व सांसदों के निधन पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त करती है।

2004 में फूलपुर से सांसद बना

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या उस वक्त गोली मारकर कर दी गई थी, जब पुलिस दोनों को प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जा रही थी। उसी वक्त मीडिया के भेष में आए तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं। दोनों भाइयों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। अतीक-अशरफ की हत्या के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। हालांकि, गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। गैंगस्टर से नेता बना अतीक 150 से ज्यादा आपराधिक मामलों में शामिल था। वह 2004 में फूलपुर से सांसद बना था।

1962 में हुआ था अतीक जन्म

अतीक अहमद का जन्म 1962 में एक साधारण पृष्ठभूमि वाले परिवार में हुआ था। उसके पिता परिवार चलाने के लिए तांगा चलाते थे। जीवन में उसका ऊंचाई छूना उतना ही नाटकीय था, जितना उसका अंत। अतीक अहमद के उत्थान और पतन की कहानी बॉलीवुड थ्रिलर की तरह है। सूत्रों के मुताबिक अतीक को गरीबी से नफरत थी और हाई स्कूल की परीक्षा में असफल होने के बाद उसने अपने तरीके से गरीबी से निपटने का फैसला किया था।