केंद्र सरकार के कई मंत्री राज्यसभा में रविवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के रवैये को लेकर उन पर जमकर बरसे और उनके व्यवहार को शर्मनाक करार दिया तथा संसद के इतिहास में इसे अप्रत्याशित बताया। उच्च सदन में कृषि संबंधी दो विधेयक पारित किये जाने के दौरान काफी हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, पह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, थाावरचंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी ने संवाददाता सम्मेलन कर विपक्षी दलों के राज्यसभा सदस्यों पर जमकर हमला बोला । इस दौरान सिंह ने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में ऐसे रवैये की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
सिंह ने किसानों को आश्वस्त किया न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं कृषि उत्पाद विपणन समिति में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आयेगी और यह बनी रहेगी। सिंह ने कहा, ‘मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा विपणन समिति जारी रहेगी । इसे किसी भी कीमत पर हटाया नहीं जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने आसन पर मौजूद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के डेस्क पर रखी नियमावली एवं दस्तावेज फाड़ दिये और आसन के समीप चले गये…जो कुछ हुआ, वैसा उन्होंने कभी नहीं देखा था।
हरिवंश को मूल्यों वाला व्यक्ति करार देते हुये सिंह ने कहा कि उनके प्रति विपक्षी सदस्यों की ओर से किये ‘अस्वीकार्य व्यवहार’ अप्रत्याशित था। उन्होंने पूछा कि अगर विपक्षी नेता सभापति के निर्णय से आश्वस्त नहीं होते हैं तो क्या यह उन पर हमला करने और हिंसा करने की अनुमति देता है। भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि कुछ निर्णयों के पीछे कुछ राजनीतिक कारण होते हैं।
कहा जा रहा है कि राज्य सभा में कृषि सुधार विधेयक पेश होने के दौरान हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। सभापति वेंकैया नायडू के आवास पर इस समय बैठक चल रही है। बैठक में उपराष्ट्रपति के लिए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद है। इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित कर दिए गए हैं। लोकसभा में भी इन बिलों को मंजूरी मिल चुकी है। राज्यसभा में विधेयकों के लिए ध्वनि मत से वोटिंग करायी गई। फिलहाल हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ उच्च सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा किये गये दुर्व्यवहार की रविवार को निंदा की और कहा कि यह संसदीय परंपरा एवं उसकी गरिमा के खिलाफ है । राज्यसभा में आज दिन में कृषि संबंधी दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुये, जिस दौरान विपक्षी सदस्य सभापति के आसन तक चले गये और उनके डेस्क पर रखी नियमावली को उठा कर हरिवंश की ओर फेंक दिया तथा सरकारी दस्तावेजों को फाड़ दिया। नीतीश ने ट्वीट किया, 'राज्यसभा के उपसभापति पर हमला संसदीय परंपरा और उसके गौरव के खिलाफ है । यह निंदनीय है । मैं स्तब्ध एवं दुखी हूं ।' उन्होंने कहा, 'आज की घटना से संसद के गौरव को हानि पहुंची है । हमें संसद की गरिमा को ध्यान में रखना चाहिए और लोकतंत्र में आसन का सम्मान करना चाहिए ।'
केंद्र सरकार के कई मंत्री राज्यसभा में रविवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के रवैये को लेकर उन पर जमकर बरसे और उनके व्यवहार को शर्मनाक करार दिया तथा संसद के इतिहास में इसे अप्रत्याशित बताया। उच्च सदन में कृषि संबंधी दो विधेयक पारित किये जाने के दौरान काफी हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, पह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, थाावरचंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी ने संवाददाता सम्मेलन कर विपक्षी दलों के राज्यसभा सदस्यों पर जमकर हमला बोला । इस दौरान सिंह ने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में ऐसे रवैये की उम्मीद नहीं की जा सकती है । सिंह ने किसानों को आश्वस्त किया न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं कृषि उत्पाद विपणन समिति में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आयेगी और यह बनी रहेगी । सिंह ने कहा, 'मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा विपणन समिति जारी रहेगी । इसे किसी भी कीमत पर हटाया नहीं जा सकता है ।'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि दो अहम कृषि विधेयकों का राज्यसभा में पारित होना देश के कृषि क्षेत्र के विकास में अभूतपूर्व युग का प्रारंभ है। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘आज संसद में कृषि से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमारे किसानों के समग्र विकास एवं कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के प्रति उनके अटूट संकल्प को दर्शाता है। यह भारत के कृषि क्षेत्र में विकास के अभूतपूर्व युग का प्रारंभ है।’’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के साथ उच्च सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा किये गये दुर्व्यवहार की रविवार को निंदा की और कहा कि यह संसदीय परंपरा एवं उसकी गरिमा के खिलाफ है। राज्यसभा में आज दिन में कृषि संबंधी दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुये, जिस दौरान विपक्षी सदस्य सभापति के आसन तक चले गये और उनके डेस्क पर रखी नियमावली को उठा कर हरिवंश की ओर फेंक दिया तथा सरकारी दस्तावेजों को फाड़ दिया।
लोकसभा में कांग्रेस, द्रमुक, सपा सहित अनेक विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र सरकार पर कोरोना वायरस संकट से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि इस महामारी को लेकर सरकार के स्तर पर कोई तैयारी नहीं थी, वहीं सिर्फ ‘कुप्रबंधन’ देखने को मिला तथा जल्दबाजी में लॉकडाउन लगाने से अफरातफरी की स्थिति बन गयी।
भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में कृषि बिल का बचाव करते हुए कहा कि इस वक्त देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 12 फीसदी है और भाजपा सरकार ने इस सेक्टर को आगे पहुंचाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। यादव ने कहा कि कृषि विधेयकों से डिजिटल इंडिया की ताकत किसानों के हाथों तक पहुंचेगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए किसान सिर्फ वोटबैंक रहे हैं। हम किसानों को भरोसा देते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई खतरा नहीं है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि विधेयकों के राज्यसभा में पारित होने के बाद कांग्रेस पर गुंडागर्दी के स्तर तक गिरने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कई कमीशनों और एक्सपर्ट्स के प्रस्ताव के बावजूद, कांग्रेस ने कभी उन किसानों के साथ न्याय नहीं किया, जो अपने आप को असहाय पाते थे। आज जब कांग्रेस को समझ आ गया कि राज्यसभा में उसके पास समर्थन नहीं है, तो पार्टी गुंडागर्दी पर उतर आई।
विदेशी अंशदान (नियमन) कानून (एफसीआरए) में संशोधन किया जाना है, जिसके तहत किसी भी एनजीओ के पंजीकरण के लिए पदाधिकारियों के आधार नंबर जरूरी होंगे और लोक सेवक के विदेशों से रकम हासिल करने पर पाबंदी होगी। लोकसभा में विदेशी अभिदान विनियमन संशोधन विधेयक पेश करते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को कहा कि इसमें धार्मिक संगठनों को विदेशी अंशदान प्राप्त करने का अधिकार पहले की तरह है और बिना भेदभाव के सभी धर्मों को यह अधिकार प्राप्त है। राय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में आधार की व्यवस्था से जुड़ा संशोधन लाया गया है। मसौदा विधेयक में कहा गया है कि कुल विदेशी कोष का 20 प्रतिशत से ज्यादा प्रशासनिक खर्चे में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए । वर्तमान में यह सीमा 50 प्रतिशत है।
सरकार ने रविवार को बताया कि सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गो में क्रीमी लेयर की समानता से संबंधित मामलों की जांच के लिये गठित समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है और यह विचाराधीन है। लोकसभा में डा. जयंत कुमार राय, विनोद कुमार सोनकर, राजा अमरेश्वर नाईक, भोला सिंह, संगीता कुमारी सिंह देव और डा. सुकान्त मजूदमदार के प्रश्न के लिखित उत्तर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने यह जानकारी दी ।
राज्यसभा ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
देशभर के समर्पित कोविड-19 सुविधा केन्द्रों में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और वेंटिलेटरों की कमी नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने रविवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद दिनेश त्रिवेदी द्वारा उठाए गए एक प्रश्न पर उच्च सदन में मंत्री द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार प्रति 1,000 व्यक्तियों पर 1.16 बेड उपलब्ध है। भारत की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 139.78 करोड़ है।
संसद ने मंत्रियों के वेतन एवं भत्तों से संबंधित संशोधन विधेयक को रविवार को मंजूरी दे दी। राज्यसभा से इस विधेयक को शुक्रवार को मंजूरी मिल चुकी है और रविवार को निचले सदन में भी इसे पारित कर दिया गया। इसके माध्यम से मंत्रियों के सत्कार भत्ते में कटौती के लिए मंत्रियों का वेतन और भत्ता अधिनियम, 1952 में संशोधन किया गया है। निचले सदन में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस विधेयक को चर्चा एवं पारित होने के लिये पेश किया। सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी।
विदेशी अंशदान (नियमन) कानून (एफसीआरए) में संशोधन किया जाना है, जिसके तहत किसी भी एनजीओ के पंजीकरण के लिए पदाधिकारियों के आधार नंबर जरूरी होंगे और लोक सेवक के विदेशों से रकम हासिल करने पर पाबंदी होगी। लोकसभा में विदेशी अभिदान विनियमन संशोधन विधेयक पेश करते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को कहा कि इसमें धार्मिक संगठनों को विदेशी अंशदान प्राप्त करने का अधिकार पहले की तरह है और बिना भेदभाव के सभी धर्मों को यह अधिकार प्राप्त है। राय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में आधार की व्यवस्था से जुड़ा संशोधन लाया गया है। मसौदा विधेयक में कहा गया है कि कुल विदेशी कोष का 20 प्रतिशत से ज्यादा प्रशासनिक खर्चे में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए । वर्तमान में यह सीमा 50 प्रतिशत है।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर विधेयक पर सवाल उठाए और इसे काला कानून करार दिया। साथ ही पीएम के लिए किसान विरोधी नरेंद्र मोदी हैशटैग इस्तेमाल करते हुए कहा कि इससे मोदीजी किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना रहे हैं। बिल पर चर्चा के दौरान पंजाब के कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कृषि विधेयक को किसानों का डेथ वॉरंट करार देते हुए इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वरूप में कृषि विधेयक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के खिलाफ हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच कृषि संबंधी दो विधेयकों को पारित किए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे कृषि क्षेत्र में नए युग का सूत्रपात होगा। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने देश में कृषि सुधार के दो महत्वपूर्ण विधेयकों-कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक’ तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक' को पारित किए जाने का स्वागत किया है।
सरकार ने रविवार को कहा कि देश में अर्द्धसैनिक बलों के 32,238 अधिकारी और जवान अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सीआरपीएफ के 9,158, बीएसएफ के 8,934, सीआईएसएफ के 5,544, आईटीबीपी के 3,380, एसएसबी के 3,251, असम राइफल्स के 1,746 और एनएसजी के 225 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।
सरकार ने रविवार को बताया कि सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गो में क्रीमी लेयर की समानता से संबंधित मामलों की जांच के लिये गठित समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है और यह विचाराधीन है। लोकसभा में डा. जयंत कुमार राय, विनोद कुमार सोनकर, राजा अमरेश्वर नाईक, भोला सिंह, संगीता कुमारी सिंह देव और डा. सुकान्त मजूदमदार के प्रश्न के लिखित उत्तर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने यह जानकारी दी ।
लोकसभा में भाजपा के एक सांसद किरीट सोलंकी ने कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय पर लॉकडाउन जैसे निर्णय लिए। कोरोना वायरस महामारी के बीच तमाम निर्णय समय पर लिये जाने का श्रेय केंद्र सरकार को देते हुए सोलंकनी ने रविवार को कहा कि हमारे देश की बड़ी बड़ी आबादी के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया और जनता उनके साथ खड़ी रही।
लोकसभा में विदेशी अभिदान विनियमन संशोधन विधेयक पेश करते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को कहा कि इसमें धार्मिक संगठनों को विदेशी अंशदान प्राप्त करने का अधिकार पहले की तरह है और बिना भेदभाव के सभी धर्मों को यह अधिकार प्राप्त है। राय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में आधार की व्यवस्था से जुड़ा संशोधन लाया गया है। गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारा उद्देश्य है कि कोई भी संगठन हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को बाधित नहीं करे और कोई खतरा पैदा नहीं हो। जिस उद्देश्य से पैसा मिला है उसी के लिए इस्तेमाल हो।’’
राष्ट्रीय जनता दल का कहना है कि पार्टी ‘कृषि क्षेत्र को कारोबारी घरानों’ के हाथ में सौंपने के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेगी। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘इन विधेयकों से किसानों का वित्तीय सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा जो कि उन्हें सरकारी खरीद और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसे प्रावधानों से मिल रहा था।’’ अगर विधेयक ‘किसान विरोधी’ नहीं हैं तो एक केंद्रीय मंत्री ने क्यों इस्तीफा दे दिया । कृषि विधेयक के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था।
लोकसभा सदस्य एन के प्रेमचंद्रन के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उनके कार्यालय ने रविवार को यह जानकारी दी । उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। केरल से रेवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता प्रेमचंद्रन संसद के वर्तमान सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे थे और चर्चा में भी सक्रियता से हिस्सा लिया था ।
बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण और बाढ़ की दोहरी मार का मुद्दा उठाते हुए राज्यसभा में रविवार को मांग की गई कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए राजद के मनोज झा ने कहा कि बिहार में हर साल मानसून के दौरान बाढ़ आती है और राज्य में जान माल का भारी नुकसान होता है। इस साल तो कोरोना वायरस का संक्रमण भी फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सुरक्षित दूरी बनाए रखना आवश्यक है। बाढ़ प्राकृतिक आपदा है और बिहार में इस साल कोरोना काल में यह प्राकृतिक आपदा आई है और ऐसे में सुरक्षित दूरी के मानक का पालन कैसे किया जा सकता है ?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कृषि संबंधी दो विधेयकों को संसद से मंजूरी मिलने की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि इन दोनों विधायकों के पारित होने से कृषि क्षेत्र में वृद्धि और विकास का एक नया इतिहास लिखा जाएगा। सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ इन दोनों विधेयकों के पारित होने से न केवल भारत की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में भी यह एक बड़ा प्रभावी कदम सिद्ध होगा।’’
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि जो पार्टियां बार-बार सभ्यता की बात करती हैं उन्होंने सभ्यता को ताक में रख कर जिस तरीके का कार्य किया है ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और निंदनीय है। चेयरमैन साहब इसका नोट लेंगे और इस पर एक्शन भी लेंगे।
राज्यसभा में रविवार को कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुयी। दोनों दलों के बीच यह नोंकझोंक उस समय हुयी जब कृषि संबंधी दो विधेयकों पर चर्चा में वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने कांग्रेस के बारे में एक टिप्पणी की। रेड्डी ने विधेयकों का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में ऐसे ही प्रावधानों का समर्थन किया था लेकिन वह अब विधेयकों का विरोध कर रही है। इस क्रम में उन्होंने कहा, ‘‘यह कांग्रेस का दोहरा मापदंड है....।’’
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राज्यसभा में चर्चा ठीक हो रही थी, बिल बहुमत से पास होने वाले थे। जब कांग्रेस को लगा कि वो बहुमत में नहीं है तो वो गुंडागर्दी पर उतर आए। आज कांग्रेस ने आपातकाल के बाद फिर एक बार ये सिद्ध कर दिया कि इस कांग्रेस का भी लोकतंत्र और प्रजातंत्र पर भरोसा नहीं है।
राज्यसभा में विपक्ष द्वारा हंगामा करने पर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष ने लोकतंत्र की हत्या की है। जोशी ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं। ये सोनिया गांधी, राहुल गांधी और ममता बनर्जी की पार्टी सोचती है कि ये बादशाह हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधेयकों के राज्यसभा में पास होने के मौके पर कहा, “70 साल से जिस तरीके से किसानों के साथ अन्याय हो रहा था, शोषण हो रहा था, उनको आजादी दिलाने का काम सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया है।” नड्डा ने आगे कहा, “विपक्षी पार्टियां किसान विरोधी हैं और इस प्रक्रिया का हिस्सा बनने के बजाय वह किसानों की इस आजादी को रोकने का प्रयास कर रही हैं। भाजपा उनके कदम की आलचोना करती है।”
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि विधेयकों के राज्यसभा में पारित होने के बाद कांग्रेस पर गुंडागर्दी के स्तर तक गिरने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कई कमीशनों और एक्सपर्ट्स के प्रस्ताव के बावजूद, कांग्रेस ने कभी उन किसानों के साथ न्याय नहीं किया, जो अपने आप को असहाय पाते थे। आज जब कांग्रेस को समझ आ गया कि राज्यसभा में उसके पास समर्थन नहीं है, तो पार्टी गुंडागर्दी पर उतर आई।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कृषि विधेयकों को किसान विरोधी काला कानून कहा है। राहुल ने ट्वीट कर मोदी सरकार से MSP पर सवाल भी पूछे। उनके इस ट्वीट को गुजरात कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल ने रीट्वीट भी किया और लिखा, "ये सिलसिला क्या यूं ही चलता रहेगा, सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा।" पढ़ें पूरी खबर...
राज्यसभा ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
केंद्र सरकार के कृषि विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने हमारा घोषणापत्र पढ़ा। उससे कुछ बिंदु निकाले और उनकी तुलना इस विधेयक से कर दी। हमारा घोषणापत्र घोड़ा था, जबकि भाजपा उसकी तुलना गधे से कर रही है। कांग्रेस ने इसके बाद राज्यसभा में जमकर हंगामा किया।
राज्यसभा में कृषि विधेयक पर विपक्ष के जोरदार हंगामे के बाद उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को स्थगित करने का फैसला किया। विपक्ष उनसे मांग कर रहा था कि विधेयक पर आगे की चर्चा सोमवार को कराई जाए। इसके बाद उपसभापति हरिवशं ने सदन में बढ़ते हंगामे के बीच इसे स्थगित करने का फैसला किया।
कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान 1 बजते ही कांग्रेस ने इस पर सोमवार को चर्चा की मांग रख दी। राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि चूंकि सदन की कार्यवाही 1 बजे तक खत्म हो जानी थी, ऐसे में विधेयक पर सोमवार को चर्चा जारी रहे। हालांकि, इस पर राज्यसभा में हंगामा हो गया। लेकिन आजाद ने कहा कि ज्यादातर सांसद इस पर सोमवार को ही चर्चा चाहते हैं। इसका फैसला करने के लिए सबकी बात सुनी जाए, न कि सिर्फ सत्ताधारी भाजपा की।
एनडीए में एक समय भाजपा की साथी रही शिवसेना ने कृषि विधेयक पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि क्या सरकार यह सुनिश्चित कर सकती है कि कृषि सुधार विधेयक से सरकार किसानों की तनख्वाह दोगुनी कर सकती है और कह सकती है कि आगे किसान आत्महत्या नहीं करेंगे? राउत ने विधेयक पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की।
केंद्र सरकार ने रविवार को राज्यसभा में कृषि विधेयक को पेश किया। इस पर विपक्ष ने एक बार फिर जमकर हंगामा किया। जहां कांग्रेस नेताओं ने इसे किसानों का डेथ वॉरंट कह दिया, वहीं भाजपा ने भी विपक्ष पर किसानों को बहकाने का आरोप लगाया है। बिल पर चर्चा के बीच ही वाईएसआर कांग्रेस और कांग्रेस सांसदों के बीच कहासुनी हो गई। दरअसल, YSRCP सांसद वीवी रेड्डी ने कृषि बिल के प्रति समर्थन जताते हुए कांग्रेस को दलालों की पार्टी करार दे दिया। इस पर कांग्रेस सांसद भड़क गए और बयान पर रेड्डी से माफी की मांग करने लगे। पढ़ें पूरी खबर...
राज्यसभा में रविवार को पेश हुए कृषि विधेयक पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सवाल उठाए। ट्वीट के जरिए उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा, "मोदी सरकार के कृषि-विरोधी ‘काले क़ानून’ से किसानों को APMC/किसान मार्केट ख़त्म होने पर MSP कैसे मिलेगा? और MSP की गारंटी क्यों नहीं दी गई? मोदी जी किसानों को पूंजीपतियों का ‘गुलाम' बना रहे हैं जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा।" राहुल ने ट्वीट के अंत में किसान विरोधी नरेंद्र मोदी हैशटैग इस्तेमाल किया।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि कृषि विधेयक पर प्रधानमंत्री पहले ही किसानों को फायदे गिना चुके हैं। उन्होंने कहा कि इससे किसान कहीं भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे। साथ ही उनकी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की सुविधा भी बरकरार रहेगी। लेकिन विपक्षी पार्टियां अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसानों को बहका रही हैं। इस महामारी के समय में विरोध के लिए सड़कों को जाम करना ठीक नहीं है।
भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में कृषि बिल का बचाव करते हुए कहा कि इस वक्त देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 12 फीसदी है और भाजपा सरकार ने इस सेक्टर को आगे पहुंचाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। याव ने कहा कि कृषि विधेयकों से डिजिटल इंडिया की ताकत किसानों के हाथों तक पहुंचेगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए किसान सिर्फ वोटबैंक रहे हैं। हम किसानों को भरोसा देते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई खतरा नहीं है।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि किसान विरोधी तीनों काले क़ानून आज राज्य सभा में व्हिप से पारित करवाएगी मोदी सरकार। पर जबाब एक नही- 15.50 करोड़ किसानों के खेतों में MSP कैसे मिलेगा, कौन देगा? सरकार MSP की क़ानूनी जुम्मेवारी देने से क्यों भाग रही? मंडी से बाहर MSP की गारंटी कौन लेगा?