माल एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) को एक मामले की जांच में सुराग मिले हैं कि भारत में प्रवास कर रहा 33 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक अवैध पान मसाला कारोबार में आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) चुराने के गिरोह में शामिल है। डीजीजीआई सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। डीजीजीआई हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद मामले के आरोपी संजय माटा (33) को इंदौर के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के सामने बुधवार को पेश किया गया था।

वह मूलतः पकिस्तान से ताल्लुक रखता है और इन दिनों अपने परिवार के साथ इंदौर में रह रहा है। अदालत ने डीजीजीआई के विशेष लोक अभियोजक चंदन ऐरन की ओर से पेश अर्जी मंजूर कर माटा को 17 जून तक न्यायिक हिरासत के तहत शहर के एक अस्थायी जेल भेज दिया। यह अस्थायी जेल कोविड-19 के प्रकोप के चलते बनायी गयी है। डीजीजीआई सूत्रों ने बताया कि माटा को कर चोरी के मामले में दो जून को गिरफ्तार किया गया था। तब अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। हालांकि, मामले की जांच में मिले सुरागों के कारण डीजीजीआई ने अदालत की मंजूरी से माटा को तीन दिन की पूछताछ के लिये आठ जून को अपनी हिरासत में लिया था।

डीजीजीआई सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच और छापों के दौरान भारी तादाद में अलग-अलग ब्रांडों के पान मसाला के साथ 66.47 लाख रुपये नकद जब्त किये गये हैं। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य प्रांतों में तस्करी के जरिये पान मसाले के अवैध कारोबार में 8.04 करोड़ रुपये की कर चोरी में माटा के शामिल होने के सुराग मिले हैं। सुरागों में यह चौंकाने वाली बात भी सामने आयी है कि कोविड-19 से जुड़े देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि में भी पान मसाले का यह अंतरप्रांतीय अवैध कारोबार जारी था।

सूत्रों ने बताया कि माटा के मोबाइल फोन और लैपटॉप में कोड वर्ड में लिखे गये संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं जिनकी गुत्थी सुलझाने की कोशिश की जा रही है। मामले का एक आरोपी फरार है। वह भी मूलतः पाकिस्तानी नागरिक है। मामले में फरार आरोपी की तलाश के साथ ही डीजीजीआई की विस्तृत जांच जारी है।