आतंकवाद से पीड़ित होने का राग अलापने वाले पाकिस्तान को दोगलापन फिर सामने आया है। एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्टअप ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान ने अपनी निगरानी सूची से लगभग 4,000 आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इनमें जकी उर रहमान का नाम भी शामिल है। लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी उर रहमान 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड है।

भारत और दुनिया भर में आतंक को बढ़ावा देने के कारण वित्तीय कार्यवाही कार्यबल या फाइनेंसियल फंडिंग टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को पिछले साल जून में ग्रे सूची में डाल दिया था। फाइनेंसियल फंडिंग टास्क फोर्स आतंकी फंडिंग पर निगाह रखने वाली वैश्विक संस्था है।

आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने के पाकिस्तान के प्रयासों से असंतुष्ट होकर इस साल फरवरी में वित्तीय कार्यवाही कार्यबल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को चार महीने की मोहलत दी थी। उसने पाकिस्तान को 27 प्रतिबंधों वाली एक सूची सौंपी थी। एफएटीएफ ने कहा था कि यदि पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर निकलना है तो उसे इन 27 प्रतिबंधों को लागू करना होगा। एफएटीएफ जून में पाकिस्तान की फिर से समीक्षा करेगा।

न्यूयॉर्क के स्टार्टअप कैस्टेलम ने पाया है कि पिछले डेढ़ साल में, पाकिस्तान ने 3800 नामों को निगरानी सूची से हटा दिया है। वह भी बिना स्पष्टीकरण या सार्वजनिक अधिसूचना जारी किए। कैस्टेलम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, इमरान खान सरकार ने 9 मार्च के बाद से अपने आतंकी निगरानी सूची से लगभग 1,800 नामों को हटाया है। इसमें लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकी उर-रहमान भी शामिल है।

एफएटीएफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की आतंकवादी निगरानी सूची में अक्टूबर 2018 में लगभग 7,600 नाम थे। कैस्टेलम ने बताया कि 9 से 27 मार्च के बीच इमरान खान सरकार ने निषिद्ध लोगों की सूची से 1069 नाम हटाए हैं। ये सभी नाम पाकिस्तान की आधिकारिक नामांकित सूची में भी शामिल हैं। पाकिस्तान ने 27 मार्च के बाद निगरानी सूची से 800 या उससे ज्यादा नाम हटाए हैं।

जकी उर-रहमान का पूरा नाम जकी उर-रहमान लखवी है। लेकिन यह नाम पाकिस्तान की निषिद्ध लोगों की सूची में शामिल नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि हटाया गया नाम गलत है तो इसका मतलब है कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के नेता को कभी अपनी आतंकी सूची में शामिल ही नहीं किया था।