मार्च महीने में कर्नाटक के बेंगलुरु के एक कैफे में ब्लास्ट हुआ था। रामेश्वरम कैफे में यह विस्फोट हुआ था और इस मामले में जांच एजेंसियों ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। वहीं अब जांच एजेंसियां एक कर्नल नाम के शख्स की तलाश कर रही हैं। ये ऑनलाइन हैंडलर है। बताया जा रहा है कि इसका कनेक्शन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से हो सकता है।

‘कर्नल’ 2019-20 से ही था मुसाफिर हुसैन के संपर्क में

जांच अधिकारियों को संदेह है कि इस ब्लास्ट के मास्टरमाइंड अब्दुल ताहा और हमलावर मुसाफिर हुसैन के संपर्क में ‘कर्नल’ 2019-20 से ही था। आईएसआई के रोल को इस ब्लास्ट के साथ अभी तक जांच एजेंसियों ने जोड़ा तो नहीं है लेकिन इनकार भी नहीं कर रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस्लामिक स्टेट के छोटे मॉड्यूल को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। इस एंगल पर भी जांच चल रही है।

कर्नाटक के बेंगलुरु के रामेश्‍वरम कैफे में 1 मार्च 2024 को बलास्‍ट हुए थे। इसकी साज‍िश मुजाम्मिल शरीफ ने रची थी। इस पूरे प्लान का बलास्‍ट का मास्‍टरमाइंड शरीफ अब एनआईए के कब्‍जे में है। इस ब्लास्ट में 9 लोग घायल हुए थे।

टाइमर का उपयोग कर किया गया था आईईडी बम धमाका

पुलिस सूत्रों ने कहा था कि कैफे में टाइमर का उपयोग करके आईईडी बम धमाका किया गया था। हालांकि धमाके के बाद महाशिवरात्रि के दिन कैफे को बड़ी धूमधाम से फिर से खोला गया था। एनआईए ने 300 से अधिक कैमरों के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करने के बाद पाया था कि हिरासत में लिए गए लोग आईएसआईएस सदस्य थे, जो 2020 से ही सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर थे।

NIA ने बयान जारी कर कहा था, “मुसाविर हुसैन शाजिब वह आरोपी है जिसने कैफे में आईईडी रखा था। अब्दुल ताहा विस्फोट की योजना बनाने उसे अंजाम देने और उसके बाद कानून के चंगुल से भागने का मास्टरमाइंड है।” बता दें कि आतंकवादी कई फर्जी नामों के साथ छिपे हुए थे और उनके पास कई फर्जी आधार कार्ड मिले है। वे न्यू दीघा में पर्यटक रिसॉर्ट के लिए बस से जाने से पहले कोलकाता के एक होटल में रुके थे।