केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम-CAA से जुड़े नियमों का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस मुद्दे पर लगातार राजनीतिक बयान सामने आ रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी CAA पर सवाल खड़े किए हैं और इसे गैर-कानूनी कहा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बीजेपी सरकार देश के युवाओं को नौकरी नहीं देने के बजाए पाकिस्तान के लोगों को नागरिकता देकर उन्हें नौकरी देगी।
क्या बोले अरविंद केजरीवाल?
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा–“यह सीएए क्या है? केंद्र की बीजेपी सरकार का कहना है कि अगर तीन देशों – बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक भारतीय नागरिकता लेना चाहते हैं, तो उन्हें दी जाएगी। इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों को यहां हमारे देश में लाया जाएगा। उन्हें नौकरियां दी जाएंगी और उनके लिए घर बनाए जाएंगे। भाजपा हमारे बच्चों को नौकरी नहीं दे सकती, लेकिन वे पाकिस्तान से आए बच्चों को नौकरी देना चाहते हैं”।
‘हमारे लोग बेघर लेकिन सरकार उन्हें घर देने की बात कर रही है’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा– “हमारे लोग बेघर हैं लेकिन भाजपा पाकिस्तान से यहां आए लोगों को बसाना चाहती है, हमारी नौकरियां उन्हें देना चाहती है। वे हमारे घरों में पाकिस्तानियों को बसाना चाहते हैं। भारत सरकार का जो पैसा है उसका उपयोग हमारे परिवारों और देश के विकास के लिए किया जाएगा या पाकिस्तानी लोगों को बसाने के लिए?”
CAA में 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक (हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी) समुदाय को नागरिकता देने का प्रवाधान है। 2019 में जब भारत सरकार यह बिल लाई थी तब देशभर में बड़े पैमाने पर इसका विरोध हुआ था।
गृहमंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि प्राताड़ित लोगों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है। विपक्ष लगातार इसके खिलाफ विरोध जता रहा है। केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों ने तो इसे लागू नहीं करने की बात भी कही है।