पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान गई है। इसके बाद से पूरा देश गुस्से में है। वहीं इस बीच उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने केंद्र की मोदी और अनेक राज्यों की भाजपा सरकारों पर निशाना साधा है। शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया कि BJP के शासनकाल में देश में बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या में वृद्धि हुई है। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना ने कहा कि केंद्र ने हाल ही में उन्हें देश से बाहर निकालने का मिशन शुरू किया है।

भाजपा शासित राज्यों में रहते हैं हजारों पाकिस्तानी

सामना के संपादकीय में कहा गया है, “पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार स्तब्ध है। वह राजनीति खेलने में व्यस्त थी और अब जब आतंकी हमला हुआ है, तो वह अपनी नींद से जागी है। लेकिन जिन राज्यों में भाजपा शासन करती है, वहां हजारों पाकिस्तानी पाए गए हैं। इसका साफ मतलब है कि वे सालों तक गहरी नींद में रहे।”

सामना में बड़ा दावा

सामना ने दावा किया कि महाराष्ट्र में 5,000 से ज्यादा, राजस्थान में 30,000, दिल्ली में 5,000, छत्तीसगढ़ में 2000 और मध्य प्रदेश में 228 पाकिस्तानी नागरिक हैं। महाराष्ट्र में रह रहे 5,023 पाकिस्तानियों में से 2,458 नागपुर में पाए गए। नागपुर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृह नगर है और यहीं पर आरएसएस का मुख्यालय है।

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सामना में लिखा गया है, “अगर पुलिस के पास नागपुर में 30 पाकिस्तानियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश की सुरक्षा खतरे में है। मुख्य सवाल यह है कि पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश के लोग भारत के हर कोने में अवैध रूप से कैसे रह सकते हैं। वे कहां से आते हैं? फिर, सरकार को पहलगाम हमले के बाद ही इन लोगों की याद कैसे आई? क्या सरकार के पास इसका जवाब है? भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में फल और सब्जी विक्रेता, कपड़ा व्यापारी और मुस्लिम छात्र जैसे छोटे व्यापारियों को पाकिस्तानी होने का आरोप लगाकर परेशान किया जा रहा है।”

मुसलमानों को परेशान करने का मिशन शुरू- सामना

सामना में आगे लिखा गया कि भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों को परेशान करने का मिशन शुरू किया गया है और यही वजह है कि पाकिस्तानी घुसपैठियों का मुख्य मुद्दा बना हुआ है और कुछ और शुरू हो गया है। इसमें आगे लिखा गया, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तय की गई पाकिस्तानी नागरिकों को देश से बाहर निकालने की समयसीमा रविवार को खत्म हो गई। समयसीमा खत्म होने के बाद भी हजारों पाकिस्तानी भारत में रह रहे हैं। यह कदम उचित है। हालांकि, सरकार ने पहलगाम के होने का इंतजार क्यों किया? आम लोग यह सवाल पूछ रहे हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। समयसीमा खत्म होने के बाद भी यह खुलासा नहीं किया जा रहा है कि कितने पाकिस्तानियों को वापस भेजा गया है और कितने अभी भी देश में हैं।” संपादकीय में केंद्रीय गृह मंत्रालय और खुफिया विभाग से सालों से अवैध रूप से भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों पर सवाल उठाए गए हैं।