चर्चित INX Media Case में जमानत मिलने के बाद पहली बार पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम बुधवार (11-12-201) को अदालत में एक वकील के तौर पर उपस्थित हुए। पी चिदंबरम घरेलू हिंसा और तलाक से संबंधित एक केस की सुनवाई के सिलसिले में अपनी दलीलें देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मौजूद थे।

इस केस में एडवोकेट चिदंबरम अपने साथी वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने ही INX Media Case में चिदंबरम को जमानत दिलाने के पक्ष अदालत में दलीले दी थीं और उन्हें जमानत दिलाया था।

आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को इस चर्चित केस में बीते 4 दिसंबर को जमानत मिली थी। चिदंबरम दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद थे। जमानत मिलने के बाद अगले दिन (गुरुवार, 5 दिसंबर 2019) को वो संसद के शीतकालीन सत्र में भी शामिल हुए थे।

जमानत मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और मुलाकात के बाद कहा था कि ‘जेल से बाहर आने के बाद खुली हवा में सांस लेकर मैं खुश हूं।’ बता दें कि चिदंबरम ने जेल में करीब 106 दिन गुजारे थे।

‘सुप्रीम’ अदालत ने पी चिदंबरम को जमानत दिया था और उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ ना करने, केस से जुड़े गवाहों को प्रभावित ना करने की सख्त हिदायत भी दी थी। अदालत ने चिदंबरम को आदेश दिया था कि वो मीडिया को इंटरव्यू नहीं देंगे तथा इस केस से संबंधित कोई भी बयान सार्वजनिक मंच से भी नहीं देंगे।

इस केस में पी चिदंबरम की तरफ से जमानत की याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि जब वो वित्त मंत्री थे तब साल 2007 में Foreign Investment Promotion Board (FIPB) ने INX Media को क्लीयरेंस दिया था। आपको बता दें कि सीबीआई ने साल 2017 में मई के महीने में पी चिदंबरम के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था।

उसी साल प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी चिदंबरम पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को पहली बार INX Media Corruption Case में इसी साल 21 अगस्त को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद अक्टूबर के महीने में ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था।