Demonetisation: केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर, 2016 को की गई नोटबंदी के खिलाफ दायर की गई एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 12 अक्टूबर को सुनवाई हुई। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक से हलफनामे के जरिए जवाब मांगा है। कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह मामला केवल ‘अकादमिक’ कवायद तो नहीं था।

इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील पी. चिदंबरम ने कोर्ट में दलील दी कि नोटबंदी को लेकर रिजर्व बैंक को केंद्र द्वारा लिखे गए पत्र और आरबीआई की सिफारिश आदि से जुड़े दस्तावेज मांगे जाएं। कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से पी चिदंबरम ने दलील में कहा कि नोटबंदी के चलते कई लोगों की नौकरी चली गई।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार को नोटबंदी करनी ही थी तो इसके लिए पहले से बैकअप प्लान होना चाहिए था और रिजर्व कैश होना चाहिए था। इस फैसले को लेने के लिए सरकार ने क्या विचार-विमर्श किया या फिर विवेक का इस्तेमाल किया गया? ऐसे में इससे जुड़े दस्तावेजों का निरीक्षण होना चाहिए। आरबीआई को सरकार ने जिस तरह की सलाह दी, उसे देखा जाना चाहिए।

पी चिदंबरम ने कहा कि इससे जुड़े दस्तावेज संसद में भी प्रस्तुत नहीं किए गए। अदालत में पी चिदंबरम ने और क्या कहा, जानें 10 प्वाइंट्स में..

  1. इस मामले की सुनवाई पांच जजों की बेंच ने की। इसमें जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, बी.आर. गवई, ए.एस. बोपन्ना, वी. रामसुब्रमण्यम, और बी.वी. नागरत्न शामिल हैं।
  2. पी च‍िदंबरम ने अदालत में कहा कि 7 नवंबर को केंद्र सरकार ने नोटबंदी को लेकर रिजर्व बैंक को पत्र के जरिए उस समय चलन में रहे 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने की सिफारिश मांगी थी।
  3. 8 नवंबर को पत्र मिलने के 24 घंटे से भी कम समय के बाद आरबीआई ने आरबीआई बोर्ड में प्रभावी रूप से गवर्नर, चार डिप्टी गवर्नर, केंद्र सरकार द्वारा नामित चार अधिकारी और एक नामित सरकारी अधिकारियों के बीच दिल्ली में बैठक हुई। इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें नोटबंदी से जुड़ी सिफारिश की गई थी।
  4. चिदंबरम ने कहा कि आम तौर पर आरबीआई से पारित हुए प्रस्ताव या सिफारिश कैबिनेट को भेजे जाते हैं। लेकिन कैबिनेट मीटिंग रूम में इसपर पहले से ही बैठक कर रही थी।
  5. चिदंबरम ने अदालत को बताया कि कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव के मिलने के कुछ ही मिनटों में पास कर दिया गया और नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
  6. उन्होंने कहा कि एक तरफ कैबिनेट मंत्री प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का कैबिनेट रूम में इंतजार कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ पीएम लगभग 8 बजे टेलीविजन पर नोटबंदी की घोषणा करने चले जाते हैं।
  7. चिदंबरम ने आगे बताया कि कैबिनेट मंत्रियों को रूम में ही इंतजार करने के लिए कहकर नरेंद्र मोदी चले गए टीवी पर नोटबंदी का ऐलान करने चले गये।
  8. पी चिदंबरम ने अदालत में कहा कि सरकार को इस तरह का ऐसा आदेश पारित करने से पहले एक या दो दिन में इस पर विचार करना चाहिए था। यह सब महज 24 घंटे में किया गया।
  9. केंद्र ने नोटबंदी को लेकर बताया कि इसका उद्देश्य फेक करेंसी, काला धन और आतंकी फंडिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नकली नोटों को रोकना था।
  10. चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य जहां तक टेरर फंडिंग को रोकना था लेकिन नोटबंदी लागू होने के हफ्तों के अंदर जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा में दो आतंकियों के शवों पर 2000 रुपये के नकली नोट मिले। चिदंबरम ने अदालत में आरबीआई की उन रिपोर्टों का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि 99 फीसदी से अधिक प्रतिबंधित नोट वापस आ गए।