चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा ‘रोहित वेमुला व कन्हैया का सच’ विषय पर बुलाई जाने वाली गोष्ठी विवादों के घेरे में फंस गई है। समाजवादी युवजन सभा ने इस तरह की किसी भी गतिविधि को विश्वविद्यालय में नहीं होने दिए जाने की चेतावनी दी है। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजदीप विकल ने कहा कि विश्वविद्यालय को राजनीतिक अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा।

उधर विश्वविद्यालय के कुलपति एनके तनेजा ने कहा कि हमारे यहां छात्र विचारधाराओं में नहीं बंटे हुए हैं। लेकिन किसी भी हालत में विश्वविद्यालय का माहौल खराब न हो, इस पर पूरी निगाह रखी जा रही है। विद्यार्थी परिषद ने 16 मार्च को होने वाली गोष्ठी के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से इजाजत मांगी है। जिस पर कुलपति ने कहा कि अभी तक उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि राजदीप विकल ने आरोप लगाया कि अभी हाल में विश्वविद्यालय के राजनीतिशास्त्र विभाग में रोहित व कन्हैया को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।

जिसमें किसी भी छात्र को नहीं बुलाया गया था। बल्कि चंद लोगों ने अपनी बात कहकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा गया कि कन्हैया के मामले में केंद्र सरकार द्वारा जो भी कदम उठाए गए हैं, वे पूरी तरह जायज हैं। वहीं विद्यार्थी परिषद से ताल्लुक रखने वाले मौजूदा अध्यक्ष संजीत सिंह पटेल ने कहा है कि गोष्ठी के जरिए रोहित वेमुला व कन्हैया का सच लाने का प्रयास किया जाएगा, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

जनेवि में जो भी बोला गया है, वह सच जनता के सामने आना चाहिए। देश का नमक खाकर जो लोग देश-विरोधी बाते कर रहे हैं वह देशद्रोही नहीं तो और क्या हैं। लेकिन वहीं इस गोष्ठी के विरोध में विश्वविद्यालय से संबंधित कालेजों में सभाएं की जा रही हैं। सपा युवजन सभा ने कहा कि प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद को घुसने नहीं दिया जाएगा। सर छोटूराम इंजीनियरिंग कालेज में हुई बैठक में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकल ने कहा कि राष्ट्रवाद के नाम पर जो शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है उसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसका हर स्तर पर विरोध होगा।