पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्ष का चेहरा होने के सवाल पर कहा कि यह स्थिति पर निर्भर करेगा। नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “मैं सभी विपक्षी दलों की मदद करना चाहती हूं। मैं नेता नहीं, बल्कि एक साधारण कैडर बनना चाहती हूं।”
बनर्जी ने पत्रकारों के एक समूह से कहा कि अगर कोई अन्य नेतृत्व करता है, मुझे कोई समस्या नहीं है। जब इस मामले पर चर्चा की जाती है तो हम फैसला कर सकते हैं। मैं थोप नहीं सकती कि मैं विपक्ष का चेहरा होंगी। पेगासस विवाद पर, उन्होंने कहा कि स्थिति आपातकाल से भी अधिक गंभीर है और ममता ने केंद्र पर गैर-जिम्मेदार होने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा, ‘हर जगह वे ईडी, आईटी को छापेमारी के लिए भेज रहे हैं। यहां कोई जवाब नहीं है। लोकतंत्र में सरकार को जवाब देना होता है।’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “स्थिति बहुत गंभीर है, यह आपातकाल से भी ज्यादा गंभीर है।”
बनर्जी ने मंगलवार को कहा था कि विपक्षी दलों की एकता अपने आप आकार ले लेगी। विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की शानदार जीत के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी में आई बनर्जी ने कहा, “मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं और एक कार्यकर्ता के रूप में जारी रखना चाहती हूं।” बनर्जी ने भाजपा के चुनावी नारे पर चुटकी लेते हुए कहा, “मैं सच्चे दिन देखना चाहती हूं, बहुत अच्छे दिन देख लिये।”
इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि विपक्षी पार्टियों की एकता अपने आप आकार ले लेगी। हालांकि, वह नेतृत्व की भूमिका निभाने के सवालों को टाल गई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इसे प्रोटोकॉल का हिस्सा बताया।
बनर्जी ने मुलाकात के बाद कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था…यह एक शिष्टाचार यात्रा थी। चुनाव के बाद, प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हमें एक बार प्रधानमंत्री से मुलाकात करनी थी। मैंने कोविड से जुड़ी स्थिति के बारे में भी उन्हें बताया। मैंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि पश्चिम बंगाल को टीकों की पर्याप्त खुराक की आपूर्ति की जाए। मैं अन्य राज्यों को टीके उपलब्ध कराये जाने के खिलाफ नहीं हूं, बंगाल की आबादी को ध्यान में रखते हुए, हमें कहीं अधिक खुराक की जरूरत है।’’