तीन कृषि कानूनों के विरोध को लेकर मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने संसद में भारी शोरगुल और जोरदार हंगामा किया। राज्यसभा में विपक्ष के कई सदस्य सदन के अंदर टेबल पर चढ़ गए, रूल बुक फेंक दी और जोरदार नारेबाजी की। इसके साथ ही सदन की गरिमा को भी क्षति पहुंचाई गई। मंत्री ने इसे असंसदीय बताया। कहा ऐसी घटनाएं सदन की मर्यादा के खिलाफ हैं। विपक्ष के ऐसे रवैए से ही मानसून सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में बाधा आ रही है। उच्च सदन की बैठक हंगामे के कारण दोपहर दो बजे से पहले दो बार तथा दो बजे के बाद तीन बार बाधित हुई। हंगामे के कारण उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया, प्रश्नकाल बेहद संक्षिप्त रहा और “देश में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान” पर अल्पकालिक चर्चा में केवल दो ही वक्ता अपनी बात रख पाए।
सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद सभापति ने सदन को सूचित किया कि तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा के इलामारम करीम तथा भाकपा के विनय विश्वम ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की ओर से सदन में बयान दिया गया था, जिस पर सवाल और स्पष्टीकरण पूछे जा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि सदन में आज कृषि संबंधी समस्याएं और उनके समाधान के मुद्दे पर एक अल्पकालिक चर्चा निर्धारित है। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा बड़ा है, महत्वपूर्ण है और इस पर चर्चा होनी चाहिए। इस बीच, विपक्षी सदस्यों ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने और व्यवधान न डालने की अपील की। सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने बैठक शुरू होने के महज दस मिनट के अंदर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
#WATCH | Delhi: Opposition MPs created ruckus, raised slogans of ‘Jai Jawan, Jai Kisan’, demanding withdrawal of the three farm laws, in Rajya Sabha earlier today
(Video source: a parliamentarian) pic.twitter.com/jrFKcIUI2O
— ANI (@ANI) August 10, 2021
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस घटना के वीडियो को ट्वीट कर कहा, “यह सदन में बाधा डालना नहीं, बल्कि यह संसद की मर्यादा का विनाश करना है।”
This is not “Disruption” ..it’s “Destruction” of the Parliamentary decorum!!#ShameOnCongress pic.twitter.com/wp681T3w4Z
— Sambit Patra (@sambitswaraj) August 10, 2021
दोपहर बारह बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल आरंभ कराया। इस बीच विपक्षी सदस्यों का हंगामा भी पुन: शुरू हो गया। हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों ने जलविद्युत परियोजना, कैंसर, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े पूरक सवाल पूछे और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब दिए।
उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया लेकिन सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 12 बजकर करीब 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दो बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की बैठक जब दोपहर दो बजे शुरू हुई तो पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े विपक्षी सदस्यों का सदन में हंगामा पुन: शुरू हो गया। हंगामे के बीच ही पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने “देश में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान” पर अल्पकालिक चर्चा शुरू कराई।
चर्चा में पहले भाजपा के विजयपाल सिंह तोमर और फिर बीजद के प्रसन्न आचार्य ने अपनी बातें रखीं। इसी बीच, आसन के समक्ष आए विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज हो गया जिसके कारण सदन की बैठक पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने दो बज कर 17 मिनट पर पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दी। पंद्रह मिनट बाद उन्होंने हंगामे के चलते बैठक और आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
आधे घंटे बाद यानी दोपहर करीब तीन बजे बैठक जब फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने घोषणा की कि उपसभापति ने विभिन्न दलों के नेताओं को विचारविमर्श के लिए अपने कक्ष में आमंत्रित किया है। इसके बाद उन्होंने बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद जब चार बजे उच्च सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो हंगामे के बीच, कालिता ने बैठक को बुधवार, 11 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया।