कर्नाटक के बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होने वाली विपक्ष की अहम बैठक को लेकर आम आदमी पार्टी का रुख साफ नहीं हुआ है। बैठक के पहले AAP ने पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बड़ी बैठक बुलाई है। बैठक आज शाम 4 बजे होगी। PAC आम आदमी पार्टी की सबसे बड़ी डिसीजन मेकिंग बॉडी है।

आम आदमी पार्टी बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक से पहले आज पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की बैठक बुलाई है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएसी बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक के बाद बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में हिस्सा लेने का फैसला लिए जाने की संभावना है।

विपक्ष की बैठक से किनारा कर सकती है AAP

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के रुख को देखते हुए आम आदमी पार्टी इस बैठक से किनारा कर सकती है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के स्टैंड को लेकर आम आदमी पार्टी की टॉप लीडरशिप में नाराजगी है। ऐसे में पार्टी विपक्षी दलों की बैठक में ना जाने को लेकर भी मंथन करेगी। हालांकि, कांग्रेस ने दिल्ली में नौकरशाहों को नियंत्रित करने वाले केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थन करने का संकेत दिया है।

वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मुझे लगता है कि आप कल बैठक में शामिल होने जा रही है। जहां तक ​​अध्यादेश का सवाल है, हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। हम इसका समर्थन नहीं करने जा रहे हैं। विपक्ष की बैठक कल बेंगलुरु में होने वाली है।

छिटके हुए लोगों को लेकर NDA बनाई जा रही

वहीं, शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा कि बेंगलुरु में होने जा रही विपक्ष की बैठक में मैं, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे हिस्सा लेंगे। यह बहुत महत्वपूर्ण बैठक है। वहीं, JDU नेता केसी त्यागी ने कहा कि 23 जून की सफल बैठक के बाद उसके विस्तारित रूप में यह बेंगलुरु की बैठक है और इसमें हमें भविष्य के कार्यक्रम, रणनीति बनाने का मौका मिलेगा। 18 जुलाई को होने वाली NDA की बैठक में कोई महत्वपूर्ण दल शामिल नहीं हो रहा है। हमारे यहां से छिटके हुए लोगों को लेकर NDA बनाई जा रही है।

भाजपा नेता दुष्यंत गौतम ने कहा कि इस बैठक का कोई महत्व नहीं है। ये भ्रष्टाचार करने वाली और परिवारवाद वाली पार्टियां हैं। इन सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हुए हैं। देश के निर्माण में इनकी कोई सहभागिता नहीं है। जिस मानसिकता के ये लोग हैं कि ये राज्य मेरा है, उसमें ही इनकी लड़ाई होने वाली है।