भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि बीजेपी और उसके नेताओं के मुंह से बस झूठ ही निकलता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों को झूठ बोलने में ट्रेनिंग मिली हुई है। पीएम मोदी पर तंज कसते हुए ओमप्रकाश राजभर कहने लगे कि पीएम मोदी को कोई नाई नहीं मिला होगा इसलिए उनकी दाढ़ी लंबी छूटी हुई है।

राजभर ने कहा, ‘बीजेपी वाले चुनाव आने से पहले कहते हैं कि हिंदू खतरे में है। देश में क्या अन्य समुदाय के लोगों को सरकारी सुरक्षा मिली हुई है क्या? ये चुनाव से पहले हिंदू कैसे खतरे में आ जाता है? दिल्ली से लखनऊ तक डबल इंजन की सरकार है तो हर हिंदू के लिए जेड प्लस सुरक्षा का इंतजाम कर दीजिए।’ उन्होंने कहा, ‘बीजेपी वाले सोचते हैं खाता न बही जो बीजेपी कहे वही सही। बीजेपी वालों को बताना चाहिए कि वे किसके वंशज हैं। नेता उदाहरण देने लगे कि आज की तारीख में ब्राह्मण भी चमड़े का कारोबार करता है।’

राजभर ने दोहराया कि उनका मोर्चा यूपी की सरकार से बीजेपी को दूर करने के लिए लड़ेगा। राजभर ने अकड़ते हुए कहा, ‘देश में कौन माई का लाल है जो मुझे धमकी देगा? मुझसे बड़ा गुंडा कोई है ही नहीं।’ राजभर ने यूपी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को लोडर करार देते हुए कहा कि मौर्य को जो कहा जाता है वे वैसा कर देते हैं। लेकिन ओम प्रकाश राजभर लीडर है।

ओमप्रकाश राजभर ने राज्य में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन की अटकलों के बीच दावा किया कि ”भाजपा भले ही उनकी सभी शर्त मान ले, लेकिन यदि पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा तो वह उससे गठबंधन नहीं करेंगे।”

राजभर ने कहा, ”27 अक्टूबर को हम अपनी पार्टी का स्थापना दिवस मनाएंगे और उसी दिन 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने फैसले की घोषणा करेंगे।”

राजभर ने दावा किया कि इसी दिन (27 अक्टूबर को) भाजपा की विदाई की तारीख भी तय हो जाएगी। राज्य की भाजपा सरकार में 2017 से 2019 तक पिछड़ा वर्ग व दिव्यांग जन कल्‍याण मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर ने साफ कहा कि ”अव्‍वल तो भारतीय जनता पार्टी से उनका (सुभासपा) गठबंधन नहीं होने वाला है, लेकिन अगर कहीं कोई संभावना बनी तो भाजपा को हमारी शर्तें माननी पड़ेगी। इन शर्तों में देश में जातिवार गणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करना, पिछड़ी जाति का मुख्यमंत्री घोषित करना, एक समान और अनिवार्य नि:शुल्क शिक्षा आदि शामिल है।”