उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर समीकरण बनने और बिगड़ने लगे हैं। छोटी पार्टियां भी अपने जातिगत समीकरण के हिसाब से यूपी की सत्ता पर पहुंचने के लिए रास्ते तलाश रही हैं। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मुख्तार अंसारी को गरीबों का मसीहा बताया है। साथ ही उन्होंने उन्हें मनमाफिक सीट देने का ऑफर दिया है।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मैं उन्हें अपराधी नहीं मानता हूं। जब तक अदालत से सजा नहीं मिल जाए तब तक हम उन्हें कैसे अपराधी बोल सकते हैं? उधर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा, ”अगर मुख्तार अंसारी उनकी पार्टी से संपर्क करेंगे तो वह उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट देगी और चुनाव जिता कर भी लायेगी क्योंकि अदालत ने उन्हें अब तक अपराधी नही माना हैं।”
बताते चलें कि राजभर हाल के दिनों में लगातार मुखर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी की अर्थी निकालूंगा और उसके पीछे राम नाम सत्य का नारा भी लगेगा।न्होंने बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘ भारतीय जनता पार्टी की अर्थी निकालूंगा और पीछे राम नाम सत्य का नारा लगेगा। इन्होंने समाज को जो धोखा दिया है…. ओमप्रकाश राजभर को.. इनको हम गंगा जी और श्मशान घाट पहुंचाएंगे।’
गौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी को आगामी विधानसभा चुनाव में मऊ से पार्टी का प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। इससे कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कहा था कि अब वह मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण का प्रयास नहीं करेंगी, बल्कि कानून का शासन स्थापित करके उत्तर प्रदेश का चेहरा बदलने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को कहा था कि बसपा अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में ‘बाहुबली’ अथवा माफिया आदि को उम्मीदवार नहीं बनाने के प्रयास करेगी और इसी के साथ उन्होंने विभिन्न आपराधिक मामलों में जेल में बंद मुख्तार अंसारी को मऊ से दोबारा पार्टी का टिकट नहीं देने की घोषणा की थी।