नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के लिए स्वायत्तता की पैरवी करते हुए पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया है कि स्वायत्तता नेशनल कांफ्रेंस के राजनीतिक एजेंडा का मुख्य बिंदु है और उसका रूख स्पष्ट है। वहीं दूसरी ओर पीडीपी चेयरपर्सन महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जब अमेरिका और ईरान हाथ मिला सकते हैं तो भारत-पाकिस्तान दोस्त क्यों नहीं बन सकते। भारत-पाक के बीच सुलह की वकालत करते हुए कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत और पाक को भी अमेरिका और ईरान की तरह वैमनस्य को मिटा कर संबंधों नया दौर शुरू करना चाहिए।
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महबूबा ने कहा, ‘यदि अमेरिका और ईरान हाथ मिला सकते हैं तो भारत और पाकिस्तान एक साथ क्यों नहीं आ सकते? ऐसा होने पर क्षेत्र में शांति व समृद्धि का नया दौर शुरू हो सकेगा। अमेरिका और ईरान दोनों परस्पर कट्टर शत्रु थे। हाल में दोनों देशों ने अपने आपसी वैमनस्य को समाप्त करते हुए संबंधों का नया दौर शुरू किया।’ साथ ही महबूबा ने मीडिया से कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंध को उजागर करे। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच वैमनस्यता यदि खबर बन सकती है तो सांस्कृतिक नजदीकियां क्यों नहीं।
When Iran &America can become friends after so many years,why can’t India & Pakistan become friends?: Mehbooba Mufti pic.twitter.com/G57X1RslQT
— ANI (@ANI_news) April 23, 2016
वहीं दूसरी ओर नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के राजनीतिक स्वाभिमान और अधिकारों को बरकरार रखने के लिए स्वायत्तता को महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत जारी रहनी चाहिए ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे। शनिवार को हुई पार्टी की बैठक की अध्यता फारूक अब्दुल्ला ने की और इसमें उमर अब्दुल्ला, महासचिव अली मोहम्मद सागर तथा दूसरे वरिष्ठ नेता शामिल हुए। नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता कहा कि कार्य समिति की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत जारी रहने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि वह दक्षिणी कश्मीर में प्रदर्शनों को किस तरह से देखते हैं तो उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हाल के वर्षों में यह क्षेत्र शांति रहा है और इलाके में तुलनात्मक तौर पर कम आतंकवाद रहा है।
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उमर ने कहा कि हमने जो आतंकवाद देखा है वह नियंत्रण रेखा के निकट रहा है। हंदवाड़ा, कुपवाड़ा काफी हद तक शांत रहे हैं। चुनाव में इनकी भागीदारी काफी अच्छी रही है। सेना की बहुत ज्यादा मौजूदगी को लेकर एक तरह की नाराजगी है।
हंदवाड़ा प्रदर्शन आक्रोश की वास्तविक अभिव्यक्ति: उमर
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हंदवाड़ा में प्रदर्शन सेना के प्रति नाराजगी की वास्तविक अभिव्यक्ति थी और इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों में छेड़छाड़ नहीं हो सकती क्योंकि राज्य सरकार ने जिस तरह से मामले को निपटाया उससे यह बढ़ा। उमर ने इंडिया टुडे टीवी पर दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे नहीं लगता कि प्रदर्शन में इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा सकती है और वह भी उस मुकाम तक नहीं कि लोग अपनी भावनाओं की वजह से अपना जान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग बाहर आए और छेड़छाड़ की कथित घटना के कारण उनका गुस्सा सेना की ओर मुड़ गया।